भोपाल। आसमान में बादल छाए हों, रिमझिम फुहारें पड़ रही हों, ठंडी-ठंडी हवा चल रही हो, सामने झरना बह रहा हो, और सिगड़ी पर सिके हुए भुट्टे मिल जाए, तो फिर रुका नहीं जाता! ये पंक्तियां मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर शेयर कीं। सड़क किनारे सिगड़ी पर सिकते हुए भुट्टों को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को रोक नहीं पाए और भुट्टों का स्वाद लेने के लिए वहीं रुक गए। उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह भी थीं।
जब शिवराज ने भुट्टे सेक रहे लड़के से पूछा कि कितने का है भुट्टा तो उसने कहा हो गया सब। इस शिवराज ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है? इसी बीच, जब शिवराज भुट्टा हाथ में लिए हुए थे तभी उनकी अर्धांगिनी साधना सिंह ने भुट्टा खाना शुरू कर दिया।
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आसमान में बादल छाये हों,
रिमझिम फुहारें पड़ रही हों,
ठंडी-ठंडी हवा चल रही हो,
सामने झरना बह रहा हो,
और सिगड़ी पर सिके हुए भुट्टे मिल जायें, तो फिर रुका नहीं जाता! pic.twitter.com/qOtJL3s5RE
महंगाई की भी चिंता करो : इसके बाद शिवराज ने स्वयं एक और ट्वीट किया, जिसमें लिखा कि आ जाइए मध्यप्रदेश में! स्वागत है। वहीं कुछ लोगों ने अपनी समस्याएं बताकर भुट्टे का स्वाद कुछ कम कर दिया। शैलेन्द्र गुप्ता ने लिखा- ना नौकरियों की बात, ना बेरोजगारों की चिंता, ना मंहगाई पर नियंत्रण की बात, न ही सामान्य वर्ग मध्यम वर्ग के लोगों की चिंता, न डूब प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की चिंता, चारों तरफ हाहाकार भुट्टे खाओ शिवराज सरकार।
मंशाराम धाकड़ ने लिखा- मामाजी हम अथिति शिक्षकों के बारे मैं भी थोड़ा सोच लो। हमारा मानदेय इतना कम है कि हम इस मानदेय पर हमारे परिवार का पालन पोषण केसे करें। महगाई के इस दौर मैं घर से 20 से 30 किलोमीटर दूर जाकर अपनी सेवाएं देते हैं और अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा तो पेट्रोल मैं ही खर्च हो जाता है। दया करो।
रवि पाटीदार ने लिखा- लहसुन-प्याज के भावों पर भी ध्यान दे लीजिए महोदय, भुट्टे तो वल्लभ भवन तक पहुंचा दिए जाएंगे।