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पीएम नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को करेंगे धार में देश के पहले पीएम मित्र पार्क का भूमिपूजन

आधुनिक भारत की औद्योगिक शक्ति का प्रतीक पीएम मित्र पार्क : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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विकास सिंह

, मंगलवार, 16 सितम्बर 2025 (12:33 IST)
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को धार में पीएम मित्र पार्क का भूमिपूजन करेंगे। लगभग 2000 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला यह पार्क स्पिनिंग से लेकर डिजाइनिंग, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट तक की सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध कराएगा। यह देश का पहला और सबसे बड़ा पीएम मित्र पार्क होगा, जिसमें कपास से परिधान तक की पूरी वैल्यू चेन विकसित होगी। 
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि धार जिले के भैंसोला में बनने वाला पीएम मित्र पार्क आधुनिक भारत की औद्योगिक शक्ति का प्रतीक बनेगा। किसानों को अब कच्चे कपास की बिक्री तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा बल्कि उनकी उपज यहीं मूल्य संवर्धन की प्रक्रिया से गुजरकर परिधान बनेगी और वैश्विक बाजार तक पहुंचेगी। विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन इंडस्ट्रियल टाउनशिप जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस यह पार्क मध्यप्रदेश को कॉटन कैपिटल की नई पहचान दिलाएगा।
 
किसानों को मिलेगा वास्तविक मूल्य और वैश्विक पहचान-मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख से अधिक कपास उत्पादक किसान हैं। अब तक वे केवल कच्चे कपास की बिक्री तक सीमित थे, लेकिन पीएम मित्र पार्क के बाद उनकी फसल स्थानीय स्तर पर मूल्य संवर्धन की संपूर्ण श्रृंखला से जुड़ेगी। कपास से यार्न, फैब्रिक, गारमेंट और रेडीमेड परिधान तक की पूरी प्रक्रिया यहीं पूरी होगी। जैविक कपास से बने परिधान सीधे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स तक पहुंचेंगे। मध्यप्रदेश पहले ही विश्व के 24 प्रतिशत नॉन-जीएमओ ऑर्गेनिक कॉटन का उत्पादक है, और अब किसानों को उनकी फसल का वास्तविक मूल्य और वैश्विक पहचान दोनों मिलेंगे।

विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित सबसे बड़ा पार्क-धार का पीएम मित्र पार्क आकार और सुविधाओं दोनों में अद्वितीय है। यहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज आधारित कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 220 केवी सबस्टेशन और 20 एमएलडी पानी की उपलब्धता होगी। स्काडा और आईओटी आधारित यूटिलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम इस पार्क को डिजिटल और स्मार्ट बनाएगा। ग्रीन इंडस्ट्रियल टाउनशिप का प्रमाणन इसे टिकाऊ औद्योगिक विकास का मॉडल बनाएगा। भूमि, बिजली और पानी प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध होंगे, जिससे यह पार्क भारत का सबसे किफायती और प्रतिस्पर्धी टेक्सटाइल हब बनेगा।

इज ऑफ डूइंग बिजनेसऔर नीति प्रोत्साहन-मध्यप्रदेश लगातार Ease of Doing Business में अग्रणी रहा है और टॉप अचीवर्स की श्रेणी में शामिल है। राज्य ने सबसे पहले जन विश्वास अधिनियम लागू किया और GIS आधारित पारदर्शी भूमि आवंटन प्रणाली स्थापित की। उद्योग शुरू करने की प्रक्रिया अब 30 दिनों में पूरी की जा सकती है और 13 विभागों की 54 सेवाएं सिंगल विंडो सिस्टम से उपलब्ध हैं।

नीतिगत प्रोत्साहनों में उद्योगों को 40 प्रतिशत तक पूंजी सब्सिडी, पांच से सात प्रतिशत ब्याज अनुदान, ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन के लिए पचास प्रतिशत सहायता, निर्यात फ्रेट पर पचास प्रतिशत सब्सिडी और रोजगार आधारित अनुदान जैसी सुविधाएं मिलती हैं। केंद्र सरकार की Competitive Incentive Support योजना के अंतर्गत शुरुआती निवेशकों को 300 करोड़ रुपये तक का सहयोग मिलेगा और बिक्री पर तीन प्रतिशत तक टर्नओवर प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

प्रदेश की ताकत और मेजर प्लेयर्स की उपस्थिति-मध्यप्रदेश से वर्ष 2024-25 में 9,200 करोड़ रुपये से अधिक का टेक्सटाइल निर्यात हुआ है। यहां 31 गीगावॉट से अधिक पावर क्षमता उपलब्ध है, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत क्लीन ग्रीन एनर्जी शामिल है। एक हजार मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक औद्योगिक जल संसाधन, छह इनलैंड कंटेनर डिपो और एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क से निर्यात प्रक्रिया बेहद सहज होगी।
 
प्रदेश पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, वार्धमान, ग्रासिम, नाहर, रेमंड, प्रतिभा सिन्टेक्स, गोकलदास एक्सपोर्ट, महिमा ग्रुप और सागर ग्रुप जैसे बड़े औद्योगिक समूह है। इन कंपनियों की उपस्थिति से यार्न, फैब्रिक, गारमेंट और मशीनरी निर्माण की संपूर्ण वैल्यू चेन पहले से मौजूद है, जिसे पीएम मित्र पार्क और मजबूत करेगा।

किसानों और युवाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव-धार, झाबुआ, रतलाम और उज्जैन जैसे कपास उत्पादक जिलों के किसान अब औद्योगिक क्रांति के केंद्र में होंगे। आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी और लाखों परिवारों का जीवन स्तर ऊँचा होगा। पीएम मित्र पार्क किसानों को स्थायी लाभ, युवाओं को वैश्विक अवसर और उद्योगों को प्रतिस्पर्धी मंच प्रदान करेगा। यह परियोजना मध्यप्रदेश को कॉटन कैपिटल बनाने के साथ-साथ पूरे भारत के लिए टेक्सटाइल सेक्टर की नई औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात करेगी।
 

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