भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि नर्मदा नदी के किनारे बसे होशंगाबाद का नाम बदलकर अब नर्मदापुरम रखा जाएगा और इस संबंध में एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शुक्रवार शाम को भोपाल से लगभग 80 किलोमीटर दूर होशंगाबाद में आयोजित नर्मदा जयंती कार्यक्रम के दौरान की। नर्मदा के तट पर एक सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या सरकार को होशंगाबाद का नाम बदलना चाहिए? इस पर लोगों ने उनको 'हां' में जवाब दिया।
चौहान ने इसके आगे लोगों से पूछा कि नया नाम क्या होना चाहिए? इस पर लोगों ने उत्तर दिया- 'नर्मदापुरम'। इसके बाद चौहान ने कहा कि अब हम केंद्र को होशंगाबाद का नाम बदलकर 'नर्मदापुरम' करने का प्रस्ताव भेज रहे हैं। प्रदेश सरकार नर्मदा नदी के किनारे सीमेंट-कांक्रीट का जंगल बनाने की अनुमति नहीं देगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नर्मदा किनारे पर बसे शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए जा रहे हैं।
इस बीच मध्यप्रदेश विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर खुशी जताते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार सुबह को फटाखे फोड़े। शर्मा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। होशंगाबाद अब तक एक हमलावर होशंग शाह के नाम से जाना जाता था लेकिन अब मध्यप्रदेश की जीवनरेखा मां नर्मदा के नाम से जाना जाएगा। ये खुशी की बात है। मैं जनभावनाओं का सम्मान करते हुए यह घोषणा करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और कई अन्य नेताओं ने भी इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने इस घोषणा को महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की सत्तारूढ़ भाजपा की चाल करार देते कहा कि भाजपा ने सिर्फ मुगलों से जुड़े नाम बदले, लेकिन ब्रिटिश शासकों से जुड़े नामों को नहीं बदला। मिंटो हॉल (पुराना विधानसभा भवन) का नाम क्यों नहीं बदला गया? उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है और इसकी बजाय विकास कार्यों और लोगों को महंगाई से राहत देने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। (भाषा)