Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नजरिया : मध्यप्रदेश में मध्यावधि चुनाव की संभावना से इंकार नहीं,स्पीकर पर टिकी सबकी निगाहें

वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर से वेबदुनिया की बातचीत

हमें फॉलो करें नजरिया : मध्यप्रदेश में मध्यावधि चुनाव की संभावना से इंकार नहीं,स्पीकर पर टिकी सबकी निगाहें
webdunia

विकास सिंह

, बुधवार, 11 मार्च 2020 (13:15 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने और उसके बाद बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे की झड़ी लगने के बाद अब कांग्रेस में अफरातफरी का माहौल है। विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिए दोनों ही पार्टियों ने अपने विधायकों को भोपाल से बाहर जयपुर और गुरुग्राम भेज दिया है।

इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार अब भी अपनी सरकार के बहुमत में होने का दावा कर रहे है। कांग्रेस मीडिया विभाग की प्रमुख शोभा ओझा बराबर कह रही है कि सरकार विधानसभा के फ्लोर पर अपना बहुमत साबित कर देगी। इस बीच प्रदेश में मध्यावधि चुनाव को लेकर भी अटकलें भी तेज हो गई है। 
 
वेबदुनिया ने मध्यप्रदेश की पूरी सियासी तस्वीर को समझने के लिए वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजाशंकर से बातचीत की। बातचीत की शुरुआत करते हुए गिरिजाशंकर कहते हैं कि आगे का ऊंट किस करवट बैठेगा यह विधानसभा स्पीकर के रुख पर तय होगा। वह कहते हैं कि जिन 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है उसको विधानसभा स्पीकर स्वीकार करते है या नहीं या इस पर स्पीकर कब अपना निर्णय लेते है।
webdunia

गौरतलब है कि बेंगलुरू में डेरा डाले बागी विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को मंगलवार को ही भेज दिया था। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह विधायकों का इस्तीफा लेकर स्पेशल विमान से बेंगलुरू से भोपाल पहुंचे और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा के साथ पैदल मार्च करते हुए कि विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर पहुंचे थे। 
 
वेबदुनिया से बातचीत में गिरिजाशंकर कहते हैं कि जिस विधानसभा चुनाव के बाद हंग अंसबेली बनी थी और जिस तरह नंबर गेम को लेकर दोनों पर्टियां में इतना कम अंतर था  उसके बाद यह स्थिति आनी तय थी। गिरिजाशंकर कहते हैं कि दोनों पर्टियों के बीच नंबर गेम इतना कम था कि यह सियासी उठापटक तो होनी ही तय थी आश्चर्य इस बात की है आज जो हो रहा है वह बहुत पहले हो जाना चाहिए। गिरिजाशंकर कहते हैं कि जिस तरह हंग विधानसभा बनी उसके बाद मध्यावधि चुनाव की संभावना से इंकार नहीं कर सकते है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Corona के खिलाफ कर्नाटक का बड़ा अभियान, लोगों को दी 'नमस्ते' करने की सलाह