जबलपुर। जबलपुर से 3 दिन पहले अपहृत 13 वर्षीय बच्चे का शव यहां से 20 किलोमीटर दूर ग्राम बिछुआ के समीप बरगी बांध नहर में रविवार सुबह तैरता हुआ मिला।
पुलिस ने बच्चे के अपहण और हत्या के आरोपी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों ने बच्चे के परिजन से 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी, जिसमें से उन्हें 8 लाख रूपये दिए जा चुके हैं।
गोरखपुर इलाके के नगर पुलिस अधीक्षक आलोक शर्मा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट व्यापारी मुकेश लांबा के अपहृत बेटे आदित्य का शव आज सुबह पनागर थाना क्षेत्र के बिछुआ गांव के पास बरगी बांध नहर में मिला। बालक के गले में गमछा बंधा हुआ था, इससे प्रतीत होता है कि आरोपियों ने उसकी हत्या गला दबाकर की है।
शर्मा ने बताया कि जबलपुर शहर के धनवंतरी नगर निवासी ट्रांसपोर्ट व्यापारी के बेटे का गुरुवार की शाम अपहरण हो गया था। वह घर के पास ही दुकान से मैगी लेने गया था। अपहरणकर्ताओं ने गुरुवार को ही फोन करके उसके परिजन से 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी।
शर्मा ने बताया कि अपहरणकर्ता ने कुछ देर बात बच्चे के पिता को फोन कर उक्त रकम की मांग करते हुए पुलिस को इसकी सूचना नहीं देने की धमकी दी थी। शुक्रवार सुबह भी उसके मां को फोन करके रकम मांगी गई और पुलिस को सूचना देने पर गुस्सा जताते हुए अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को जान से मारने की धमकी दी थी।
जबलपुर जिले के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि पुलिस ने हत्या व अपहरण की वारदात को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों राहुल उर्फ मोनू विश्वकर्मा (30), मलय राव (25) एवं करण जगगी (24) को आज गिरफ्तार कर लिया है। तीनों जबलपुर के महाराजपुर थानांतर्गत आधारताल के निवासी हैं। उन्होंने कहा कि राहुल के खिलाफ पूर्व में पांच अपराध दर्ज हैं, जबकि करण के खिलाफ सात मामले दर्ज हैं।
बहुगुणा ने बताया कि आर्थिक तंगी और कर्ज चुकाने के लिए आरोपी राहुल तथा मलय ने एक महीने पहले धनी परिवार के बच्चे के अपहरण की योजना बनाई। इसी दौरान राहुल किसी परिचित के साथ मुकेश के घर गया था और वहीं उसके दिमाग में आदित्य के अपहरण का ख्याल आया। उसने इसके लिए जिले के ग्रमीण क्षेत्र बेलखाडू में एक व्यक्ति से मोबाइल लूटा था।
बहुगुणा ने बताया कि योजना के तहत तीनों आरोपी मुकेश लांबा के घर की रेकी करने लगे। इस दौरान गुरुवार को उन्होंने मौका पाकर 13 साल के आदित्य का अपहरण कर लिया।
उन्होंने कहा कि आरोपियों ने लूट की मोबाइल से पहले बच्चे की मां और बाद में पिता को फोन कर फिरौती मांगी। वे बच्चे को लेकर रात भर बरौदा तिराह पनागर क्षेत्र में घुमते रहे और ढाबे में खाना भी खिलाया। शुक्रवार की सुबह वे महाराजपुर निवासी राहुल के घर के बगल में स्थित खाली मकान में पहुंचे।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार की दोपहर वे कार किराए में लेकर बच्चे को जिले के ग्रामीण क्षेत्र कुंडम बधराजी ले गए। रास्ते में वे एक होटल में रुके जहां बच्चे ने राहुल को पहचान लिया। इससे घबराकर आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी और शव को नहर में फेंक दिया।
उन्होंने बताया कि आदित्य की हत्या के बाद आरोपियों ने मुकेश को फिरौती की रकम के लिए फोन किया। मुकेश ने उन्हें बताया कि सिर्फ 8 लाख रुपए का इंतजाम हो पाया है, आरोपियों ने थोड़ी नानुकुर के बाद वह रकम लेने और बच्चे को धन्वंतरी नगर में छोड़ने की बात कही।
बहुगुणा ने बताया कि आरोपियों ने रात्रि साढे नौ बजे आदित्य की आवाज सुनाकर मुकेश को रकम लेकर सिरोहा बायपास रोड स्थित खजरी-खिरिया गांव के पास सड़क किनारे रकम रखने के लिए कहा। मुकेश निर्धारित स्थान पर रकम रखकर वापस लौटकर धनवंतरी नगर चौक पर बच्चे का इंतजार करने लगा। तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद भी बच्चा नहीं आया।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना तथा तकनीकी आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस आरोपियों की निशानदेही पर नहर से बच्चे का शव बरामद किया। बहुगुणा ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से 7.66 लाख रुपए तथा चार मोबाइल बरामद किए हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 302 (हत्या) तथा अपहरण सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई कर दी है। बहुगुणा ने यह बात स्वीकार की कि पुलिस तमाम प्रयासों के बाद भी बच्चे की जान नहीं बचा पाई। पुलिस ने तीनों आरोपियों का शहर में जुलूस भी निकाला।
वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर में एक नाबालिग की हत्या के मामले में भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। चौहान ने कहा कि ऐसे अपराधियों को समाप्त करने के लिए प्रभावी कार्रवाई हो। किसी भी दोषी को न बख्शा जाए। (भाषा)