मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ पर ब्याज दर घटाने के फैसले पर अब सियासत गर्मा गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार के इस निर्णय को कर्मचारी विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा की सरकार के समय कर्मचारियों को भविष्य निधि पर मिलने वाली ब्याज दर 8.75 फीसदी थी जिसको कमलनाथ सरकार ने घटाकर कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दस लाख से अधिक कर्मचारी प्रभावित हो रहे है। सरकार का ये निर्णय छोटे कर्मचारियों पर बड़ा आघात है और सरकार को अपना यह फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में अधिकारियों के ट्रांसफर पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आज कर्मचारियों और अधिकारियों को यह भरोसा नहीं है कि आज कहां हैं और कल कहां होंगे। सूटकेस लेकर निकलते है और सूटकेस रखते हैं तब तक नया आदेश आज जाता है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जीपीएफ पर ब्याज दर में कमी केंद्र सरकार ने की है और राज्य सरकार के उनसे लिंक होने के कारण प्रदेश में यह कटौती की गई है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को प्रदेश सरकार की जगह केंद्र की सरकार को कोसने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के भविष्य निधि पर मिलने वाली ब्याद दरों को घटा दिया है। पिछले वर्ष राज्य कर्मचारियों को भविष्य निधि पर 8 प्रतिशत की दर ब्याज मिलता है जिसको अब सरकार ने घटाकर 7.9 प्रतिशत कर दिया है।