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3 महीने में ऑनलाइन गैंबलिंग पर कानून बनाएगी मध्यप्रदेश सरकार, ऑनलाइन गेम एक्ट जल्द!

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विकास सिंह

, गुरुवार, 1 सितम्बर 2022 (13:43 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने जा रही है। सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा हाईकोर्ट की ओर से दी गई तय समय सीमा में सरकार इस पर कानून बना लेगी। गौरतलब है कि ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने में कानून बनाने के निर्देश दिए है। 
 
गौरतलब है मध्यप्रदेश में लंबे समय से ऑनलाइन गेम एक्ट लाने को लेकर सरकार तैयारी कर रही है। नए कानून में खतरनाक ऑनलाइन गेस पर बैन लगाया जा सकता है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही कह चुके है कि फ्री फायर जैसे बच्चों के लिए खतरनाक ऑनलाइन गेम पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ऑनलाइन गेम एक्ट लाने जा रही है। नए कानून का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है और जल्द ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।
 
क्या है हाईकोर्ट का आदेश?-जबलपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि  ऑनलाइन गैंबलिंग के चलते देश के युवा आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो रहे हैं, ऐसे में सरकार और इंतजार ना करते हुए तत्काल इस पर रोक लगाने की पहल करे। सिंगरौली जिले के सनत कुमार नामक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने ये निर्देश दिया। दरअसल सनत कुमार ऑनलाइन सट्टे में साढ़े 8 लाख रुपए हार गया, जिसके बाद सनत के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। 
 
ऑनलाइन गेम पर कानून क्यों जरूरी?-मध्यप्रदेश में खतरनाक ऑनलाइन गेम के जाल में फंसकर कई बच्चे आत्महत्या कर चुके है। पिछले दिनों राजधानी भोपाल में पांचवी क्लास में पढ़ने वाले 11 साल के बच्चे ने फ्री फायर गेम की लत के चलते फांसी लगा ली। इसके साथ ही खतरनाक ऑनलाइन गेम्स बच्चों में कंडक्ट डिसऑर्डर की समस्या को बढ़ा रहे है। डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि जो बच्चे हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के गेम्स अधिक खेलते हैं, ऐसे कंटेट अधिक देखते हैं, उनका स्वभाव भी हिंसात्मक हो रहा है।
 
डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि ऑनलाइन हिंसक प्रवृत्ति वाले गेम्स बच्चों के मस्तिष्क में रासायनिक और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते जा रहे हैं। ऑनलाइन गेम्स की लत के शिकार बच्चों के व्यवहार में अक्रामकता के साथ डिप्रेशन,एंग्जायटी और नॉवेल्टी सीकिंग प्रवृत्ति होना देखा गया है। 
 
पीएम मोदी भी जता चुके है चिंता-गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन और डिजिटल गेम्स के खतरों को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि अधिकांश गेस्स के कांसेप्ट या तो वॉयलेंस कोप्रमोट करते हैं या मेंटल स्ट्रेस का कारण बनते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स मार्केट में हैं उनमें से अधिकतर का कांसेप्ट भारतीय नहीं है।
 
NCPCR ने भी जताई चिंता-ऑनलाइन गेम्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता जताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि खतरनाक ऑनलाइन गेम्स को लेकर आयोग लगातार अपनी चिंता जताते आया है और आयोग की ही संस्तुति पर पबजी जैसे खतरनाक गेम को प्रतिबंध किया गया था। 

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