भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को सरकार ने स्वीकार किया कि उसने 11 माह के दौरान 23 बार में 23 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज बाजार से लिया है।
वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के पूरक प्रश्नों के उत्तर में इस बात को स्वीकार किया। इस दौरान बच्चन ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में लगभग 2500 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से लेना है। राज्य सरकार केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र भी लिख रही है, लेकिन उसका कोई जवाब तक नहीं दिया जा रहा है।
बच्चन ने कहा कि राज्य सरकार को मिलने वाली राशि इस प्रदेश का हक है लेकिन केंद्र सरकार इसे नहीं दे रहा है। अन्य कांग्रेस सदस्यों ने भी बच्चन की बात का समर्थन करते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार से धनराशि नहीं मिल रही है, वहीं राज्य सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है। ऐसा करके ब्याज की अदायगी की रकम भी बढ़ाई जा रही है। बच्चन ने कहा कि सरकार ने इसके अलावा सिर्फ बाजार से लिए गए कर्ज की बात बताई है। विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से लिए गए कर्ज की राशि नहीं बताई है।
वित्तमंत्री देवड़ा ने कहा कि वित्तीय संस्थाओं से लिए गए कर्ज के बारे में 31 मार्च के बाद बताया जा सकता है, जब वित्तीय लेखा संबंधी कार्य पूर्ण हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिल रही है और केंद्र सरकार राज्य के पत्रों का जवाब भी नहीं दे रही है। हालाकि उन्होंने यह नहीं बताया कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य को अब तक कितनी धनराशि मिली है। (वार्ता)