खास खबर : मुद्दा विहीन उपचुनाव में नेताओं ने ‘बदजुबानी’ पर खूब लगाया दांव
चुनाव से ठीक पहले वोटरों की खमोशी से नेता हुए बैचेन
भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए चुनावी शोर अब थम चुका है। मंगलवार को होने वाले मतदान से पहले अब वोटरों को रिझाने के लिए उम्मीदवार अंतिम दौर में डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहे है। एक महीने से अधिक समय तक चले चुनाव प्रचार में इस बार पूरा चुनाव प्रचार मुद्दाविहीन नजर आया। उपचुनाव में नेताओं के बिगड़े बोले कोरोना महामारी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे चुनावी मुद्दे पर भारी पड़ते दिखाई दिए। सरकार के भविष्य को तय करने वाले इन चुनाव में नेताओं के साथ मंत्रियों और स्टार प्रचारकों ने भी सियासी मर्यादा को एक तरफ खूंटी पर टांग दिया।
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भूखा नंगा बताया तो कांग्रेस के स्टार-प्रचारक प्रमोद कृष्णम ने सीएम शिवराज के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उनकी तुलना मारीच,कंस और शकुनि मामा से कर डाली।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का आइटम वाला बयान तो पूरे चुनावी परिदृश्य की दिशा मोड़ देने वाला बयान बन गया। डबरा में चुनावी सभा में कमलनाथ ने शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को आइटम क्या बोला और भाजपा ने इसको महिलाओं के सम्मान से जोड़कर मौन धरना भी दिया। देश के चुनाव प्रचार के इतिहास में संभवत यह पहला मौका था जब चुनाव प्रचार में अपने विरोधियों पर हमला करने के लिए मौन की सियासत का सहारा लिया गया।
शुचिता की राजनीति करने का दंभ भरने वाले भाजपा नेताओं ने भी अपने बयानों में मर्यादा को ताक पर रख दिया। आइटम वाले बयान पर बिफरी इमरती देवी ने कमलनाथ की मां और बहन को बंगाल की आइटम बता डाला तो शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री मोहन यादव जमीन में दफना देने की बात कहते नजर आए। इसके साथ शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह भी चुनाव के दौरान अपने आपत्तिजनक बयान को लेकर खूब चर्चा में रहे।
चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेताओं के बयानों का जिक्र करते हुए पहले अपने को कौआ और बाद में कुत्ता तक बता डाला। वहीं एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले उपचुनाव के आखिरी दौर वांशिग पाउडर और वांशिग मशीन की भी एंट्री हुई। कमलनाथ के बयान का जिक्र करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ जी कहते हैं कि वो बेदाग है। दाग बहुत गहरे है और अगर दुनिया भर के वांशिग पाउडर भी ले आया जाए तो भी दाग नहीं धुलेंगे,वहीं इसके जवाब में कमलनाथ ने भाजपा के दागों को दुनिया में किसी भी वांशिग मशीन से भी दाग नहीं धुलने की बात कह कर पलटवार भी किया।
चुनाव में नेताओं ने अपने बयान के जरिए वोटरों का ध्यान तो खूब अपनी ओर खींचा लेकिन चुनाव के अंतिम दौर तक वोटरों की खमोशी नेताओं को परेशानी में डाल रही है। नेताओं के बयानों का वोटरों पर कितना और किस तरह असर हुआ ये तो अब 10 नवंबर को ही पता चलेगा।