राज्यसभा का रण: डिनर डिप्लोमेसी के सहारे मध्यप्रदेश भाजपा का वोटिंग से पहले शक्ति प्रदर्शन
राज्यसभा चुनाव में जीत से होगा विजययात्रा का शुभारंभ : भाजपा
भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा के चुनावी रण में अब वोटिंग का काउंटडाउन शुरु हो गया है। वोटिंग से ठीक पहले सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने डिनर डिप्लोमेसी के सहारे अपना शक्ति प्रदर्शन किया। विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में पार्टी उम्मीदवारों का समर्थन करने वाले निर्दलीय व अन्य दलों के विधायकों का धन्यवाद करते हुए उनका परिचय भी कराया।
भाजपा मुख्यालय में हुए डिनर में पिछली कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल भी पहुंचे। इसके साथ बसपा के दो विधायक रामबाई, संजीव कुशावाह और सपा विधायक राजेश शुक्ला भी पहुंचे। वहीं पहले ही भाजपा को अपने सर्मथन का एलान कर चुके निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम राणा भी भाजपा दफ्तर पहुंचे।
राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रकाश जावड़ेकर और बीजे पांडा के साथ प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे की मौजदूगी में पार्टी विधायक दल की बैठक विधायकों को चुनाव की पूरी वोटिंग की प्रक्रिया को समझाया गया।
विधायक दल की बैठक को केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संबोधित किया। इसके साथ ही पार्टी के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया अस्वस्थ होने के चलते वीडियो कांफेंसिंग के चलते विधायक दल की बैठक को संबोधित किया।
विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए सभी नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में जीत तय होने के लिए सभी को शुभकामना देते हुए उपचुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा। नेताओं ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में मिलने वाली जीत इन चुनावों में भी हमारी विजययात्रा की शुरुआत करेगी।
विधायकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में 15 महीने रही कमलनाथ सरकार ने प्रदेश को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। सारी योजनाएं बंद कर दीं। पंचायतों से लेकर विद्यार्थियों तक का पैसा खा गई। विकास ठप्प हो गया। उस सरकार से प्रदेश की जनता इतनी त्रस्त हो चुकी थी कि जहां भी जाते थे जनता पूछती थी कि ये सरकार कब गिरेगी। मैं सिंधिया जी सहित उन मित्रों का हृदय से आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने इस्तीफे दिये और उस सरकार की विदाई का मार्ग प्रशस्त किया।