भोपाल। मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का आखिरी सत्र यानि मानसून सत्र मात्र दो दिन में अनिश्चितकाल काल के लिए स्थगित हो गया है। पांच दिन चलने वाला विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही कुछ घंटों में ही खत्म गई है। सदन को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित करने से पहले सरकार की ओर से अनुपूरक बजट को पास करवा लिया गया।
इससे पहले आज मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई। विपक्ष दल कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही शुरु होते ही आदिवासियों का मुद्दा उठाया। विपक्ष के हंगामे के बीच पहले सदन की कार्यवाही पहले दो बार स्थगित की गई, इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा के सत्र को समय से पहले खत्म होने पर सरकार को घेरते हुए कहा कि वह अब जनता के बीच जाकर सरकार को बेनकाब करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती थी कि सदन में चर्चा हो, कांग्रेस ने सीधी पेशाब कांड सहित, सतपुड़ा अग्निकांड और महाकाल लोक घोटाले को लेकर सदन में चर्चा चाहती थी लेकिन सरकार को डर था कि अगर सदन में चर्चा होगी तो उसकी कलई खुल जाती, इसलिए सरकार ने चर्चा से भागने के लिए सत्र को स्थगित कर दिया गया।
वहीं सरकार ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा ही नहीं करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केवल सदन में हंगामा किया।