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भोपाल में करणी सेना का शक्ति प्रदर्शन, जंबूरी मैदान में प्रदर्शन के बाद भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता

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विकास सिंह

, रविवार, 8 जनवरी 2023 (20:07 IST)
भोपाल। राजधानी भोपाल में आज करणी सेना ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया है।  भोपाल के जंबूरी मैदान में अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का एलान करने वाली करणी सेना के हजारों कार्यकर्ता अब भी वहीं डटे है। आर्थिक आधार पर आरक्षण सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल में करणी सेना ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। आंदोलन के दौरान जंबूरी मैदान के आसपास महाजाम के हालात बन गए। प्रदर्शन में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों  के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से भी करणी सेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे।

जंबूरी मैदान में प्रदर्शन के दौरान करणी सेना अपनी मांगों को पूरा करने  को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए है। करणी सेना प्रमुख और आंदोलन के नेतृत्वकर्ता जीवन सिंह शेरपुर के साथ सेना के पांच पदाधिकारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी, जो अब भी जारी है। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे हजारों कार्यकर्ता जंबूरी मैदान में डटे हुए है।  

विधानसभा का घेराव के एलान पर तनाव-इससे पहले दिन में करणी सेना के आंदोलन के दौरान अपनी मांगों को लेकर जब अचानक विधानसभा घेराव का एलान किया तो तनाव के हालात बन गए। विधानसभा का घेराव की खबर सुनकर तुरंत ही प्रशासन का एक दल धरना स्थल पहुंचे और आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया। इसके बाद  करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की, जिसके बाद कार्यकर्ता शांत हुए।  

कांग्रेस ने किया समर्थन- जंबूरी मैदान में प्रदर्शन कर रहे करणी सेना के आंदोलन का  कांग्रेस ने खुलकर समर्थन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बयान जारी कर कहा कि भोपाल के जंबूरी मैदान में देश प्रदेश के हजारों युवा व्यवस्था में सुधार को लेकर धरना – प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कराना, परिवहन व्यवस्था में बाधा डालना और फिर युवाओं के दबाब में पुनः अनुमति देना, पूरे आंदोलन को बाधित करने और लोकतांत्रिक प्रणाली में शिवराज सरकार के विश्वास न होने को दर्शाता है।

लोकतांत्रिक आंदोलन, विरोध और प्रदर्शन को पुलिस, पैसा और प्रशासन से कुचलना भाजपा सरकार की नीति बनती जा रही है। लोकतांत्रिक तरीके से विचारों तथा मांगों को रखना और शांतिपूर्ण आंदोलन करना, देश के हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन भाजपा सरकार युवाओं की मांगों को सुनना भी नही चाहती थी और आंदोलन को रद्द कराने में लगी रही परंतु आज का मुखर आंदोलन नाटक नौटंकी कर गुमराह करने के भाजपाई प्रयासों का लोकतांत्रिक जवाब है। युवा अब दमन बर्दाश्त नहीं करेंगे और बाधाओं को पार कर संघर्ष के लिए तैयार है। गुमराह करने की स्थाई राजनीति के स्थान पर भाजपा सरकार युवाओं से मांगों पर चर्चा कर विचार करे और जायज मांगों के लिए आगे कदम बढ़ाए।

करणी सेना की प्रमुख मांग- जंबूरी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे करणी सेना ने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किसानों की फसल के भाव तय करने सहित 21 अन्य मांगें है।  
करणी सेना की 21 सूत्रीय मांगें
आरक्षण को आर्थिक आधार पर किया जाए एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए।
एससी एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगे।
एससी एसटी एक्ट की तर्ज पर सामान्य पिछड़ा एक्ट बने तो सामान्य पिछड़ा वर्ग को भी कानूनी सहायता दे।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भूमि और मकान की बाध्यता खत्म कर 800000 क वार्षिक आय कोई आधार मानकर
आरक्षण का लाभ दिया जाए सभी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस के छात्रों को उम्र सीमा में छूट दी जाए।
हर साल नियमित भर्ती की जाए भर्ती कानून बनाया जाए व्यापम के 100000 पदों में भर्ती की जाए भर्ती नहीं होने पर
बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए।
खाद्यान्न को जीएसटी से मुक्त किया जाए बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।
क्षत्रिय महापुरुष के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए इतिहास के संरक्षण की समिति बने।
पद्मावत फिल्म के विरोध और किसान आंदोलन में दर्ज किए गए प्रकरण वापस किए जाएं।’
गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिया जाए गोमूत्र और गोबर को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें।
मध्य प्रदेश की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए।
सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली को सुधारा जाए प्राइवेट स्कूलों में मिशनरी स्कूल की तानाशाही समाप्त कर पीस नियंत्रण के लिए कमेटी बनाई जाए।

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