भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार होने की अटकलें तेज हो गई है। विधानसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव की अग्नि परीक्षा से गुजरने के बाद माना जा रहा है कि भविष्य में सत्ता संतुलन साधने के लिए जल्द ही कमलनाथ कैबिनेट का विस्तार होगा।
विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सदन में कमलनाथ सरकार को जिस अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा है, उसके बाद अब कमलनाथ सरकार आगे से सदन में फ्लोर टेस्ट होने की स्थिति में किस तरह की परेशानी से बचना चाह रही है।
इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों समेत सपा और बीएसपी विधायकों को सरकार में शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे कांग्रेस के दो सीनियर विधायक बिसाहूलाल साहू और केपी सिंह भी कैबिनेट विस्तार में मंत्री बनने के दावेदार है।
ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ फरवरी में होने वाले बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर सरकार को भविष्य में आने वाले किसी परेशानी से बचना चाह रहे है। जल्द होने कमलनाथ कैबिनेट के विस्तार में बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा का मंत्री बनना तय है। सुरेंद्र सिंह शेरा का कहना है कि सरकार चलाने के लिए सबको साथ लेकर चलना जरूरी है।
शेरा ने बातचीत में इस बात के संकेत भी दिए कि उनको मुख्यमंत्री की तरफ से मंत्री बनाए जाने की हरी झंडी मिल गई है। वहीं कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के एक मात्र विधायक राजेश शुक्ला, बसपा के भिंड से विधायक संजीव सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।
इसी तरह कमलनाथ कैबिनेट के विस्तार में कांग्रेस के दो दिग्गज नेता बिसाहूलाल सिंह और केपी सिंह को भी मंत्री बनाए जा सकता है। कांग्रेस के इन दोनों सीनियर विधायकों ने मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। सूत्र बताते हैं कि केपी सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध के चलते मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने पार्टी आलाकमान से की थी।
अगर बात करें कमलनाथ सरकार में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 29 है, ऐसे में कमलनाथ कैबिनेट में पांच और मंत्री बनाए जा सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि जल्द होने वाले कैबिनेट विस्तार में पांच विधायकों को मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री कमलनाथ कैबिनेट का कोटा पूरा कर लेंगे।