रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर जारी सियासत
मध्यप्रदेश में भी रामलला की सियासत की एंट्री
कमलनाथ और दिग्विजय ने भाजपा को घेरा
भोपाल।अयोध्या में राममंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर देश में जारी सियासत में अब मध्यप्रदेश के नेताओं की एंट्री हो गई है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भाजपा के राममंदिर निर्माण का श्रेय लेने पर एतराज जताया है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राममंदिर सबका है। राममंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा है और भाजपा की सरकार थी तो उनकी जिम्मेदारी थी मंदिर बनाना। राममंदिर का पट्टा तो भाजपा के पास तो नहीं है, उनका कोई एकमात्र अधिकार नहीं है सबका अधिकार है राममंदिर पर। राममंदिर पर कोई एक श्रेय नहीं ले सकता। वहीं 22 जनवरी को अयोध्या जाने के सवाल पर कमलनाथ ने नहा कि 22 को नहीं लेकिन वह अयोध्या जाएंगे।
वहीं राममंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शंकराचार्यों के नहीं जाने पर दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर लिखा कि राममंदिर निर्माण में किसी को कोई एतराज नहीं था। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव यह कार्य सभी मान्यता प्राप्त शंकराचार्ज जी द्वारा रामालय न्यास के माध्यम से कराना चाहते थे ना कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा। विश्व हिंदू परिषद, आरएससएस का संगठन है और उसका राजनीतिक संगठन भाजपा है। क्या सनातन धर्म को पालन करने वाले हमारे धर्म गुरु शंकराचार्य है या विश्व हिंदू परिषद, आरएसएसएस, भाजपा?