भोपाल। बिहार में नीतीश सरकार की ओर से कराई जा रही जातिगत सर्वेक्षण का मुद्दे पर प्रदेश में भी सियासत शुरु हो गई है। पटना हाईकोर्ट के जातिगत सर्वेक्षण पर लगी रोक हटाने के फैसले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर भाजपा को घेरा। कमलनाथ ने लिखा कि “भाजपा जातिगत सर्वेक्षण को क़ानूनी तर्कों में उलझाकर बंद करवाना चाहती थी लेकिन माननीय पटना उच्च न्यायालय ने इस पर लगी रोक को हटाकर हर वंचित, शोषित के लिए सामाजिक न्याय ही नहीं बल्कि आने वाले समय में आर्थिक न्याय का भी रास्ता खोल दिया है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोग जब अपने अधिकारों के लिए मिलकर एक साथ खड़े हो जाएँगे तो ये प्रभुत्ववादी सोच के गिनती के लोग सामाजिक न्याय सुनिश्चित करनेवाली इस गिनती-गणना के आगे कहीं नहीं टिकेंगे”।
कमलनाथ ने आगे लिखा कि “जातीय जनगणना सबके हक़ की आनुपातिक हिस्सेदारी की राह खोलेगी और सच में लोकतंत्र की दिशा नीचे-से-ऊपर की ओर जाएगी। भाजपा की सामंती सोच ग़ैर-बराबरी और दमन की रही है, इसीलिए वो ग़रीब-कमज़ोर के हक़ को मारने के लिए जातीय जनगणना की विरोधी है। जनता जातीय जनगणना को रोकनेवाली भाजपा को अगले चुनाव में इस तरह बहिष्कृत करेगी कि मतगणना के दिन न तो उनके नेता दिखाई देंगे और न ही उनके प्रत्याशी। भाजपा सामाजिक हक़मारी का प्रतीक है”।
गौरतलब है कि कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में जातिगत जनगणना को अपना चुनावी मुद्दा बना रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। कमलनाथ का दावा है कि जातिगत जनगणना से ओबीसी वर्ग के लोगों की संख्या और उनकी स्थिति सामने आ जाएगी। कमलनाथ का दावा है कि जातिगत जनगणना के परिणाम को देखते हुए प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे और प्राइवेट सेक्टर में रिजर्वेशन के प्रावधान लाए जाएंगे।