मंदसौर में हुए गोलीकांड के बाद जहां एक और किसान आंदोलन उग्र हो गया है वहीं दूसरी तरफ भाजपा और शिवराज सरकार के बीच भी फूट पड़ती नजर आ रही है। सत्ता और संगठन में तालमेल की कमी गोलीकांड के बाद से ही नजर आ रही है।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें इस तरह के बयान देते समय ज्यादा जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए।
विजयवर्गीय ने कहा कि गृहमंत्री को पहले गलत सूचना दी गई थी। लेकिन बाद में सही सूचना आई और उसे स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री को तथ्यों को क्रॉस चेक किए बगैर इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए।
विजयवर्गीय के इस बयान पर सत्ता और संगठन में बवाल मच गया। बहरहाल किसान आंदोलन के मुद्दे पर देशभर में आलोचना झेल रही सरकार एक बार फिर दुविधापूर्ण स्थिति में उलझ गई है।
यह पहली बार नहीं है जब विजयवर्गीय ने सरकार विरोधी बयान दिया हो। इससे पहले वे सितंबर 2016 में भी भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर निशाना साध चुके हैं।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भी मीडिया से चर्चा में कहा कि किसान आंदोलन से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि किसान तो इसलिए परेशान है कि उसे उसकी फसल का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।