इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय कि इंदौर खंडपीठ के न्यायाधीश वेदप्रकाश शर्मा ने शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक आपराधिक पुन: निरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हुए भिंड सत्र न्यायालय द्वारा किए जा रहे कांग्रेसी विधायक माखनसिंह जाटव हत्याकांड के विचारण पर अंतरिम रोक लगा दी है।
न्यायालय के इस आदेश से जाटव हत्याकांड में घिरे सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य को राहत मिल सकती है। कांग्रेसी विधायक माखनलाल जाटव की भिंड के गोहद के छरेंटा गांव में 13 अप्रैल 2009 की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पर स्थानीय पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा था।
मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से मध्यप्रदेश सरकार ने प्रकरण का अनुसंधान सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने जांच कर इंदौर की तत्कालीन सीबीआई न्यायाधीश शुभ्रा सिंह की कोर्ट में इस मामले में चालान पेश किया। 10 जनवरी 2011 को न्यायाधीश शुभ्रा सिंह ने इस केस को कमिट करते हुए इस केस को सुनवाई के लिए भिंड सत्र न्यायालय को सौंप दिया।
सीबीआई ने न्यायाधीश शुभ्रा सिंह के इस आदेश को चुनौती देते हुए 2011 में सीबीआई ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की। इसमें कहा गया कि सीआरपीसी के प्रावधानों के मुताबिक इस मामले की सुनवाई इंदौर के सीबीआई कोर्ट में ही होना चाहिए। जिस पर शनिवार को न्यायाधीश वेदप्रकाश शर्मा की बेंच में याचिका की सुनवाई हुई।
कोर्ट ने जाटव हत्याकांड की भिंड सेशन कोर्ट में चल रही सुनवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस रोक से आर्य के विरुद्ध इसी मामले में जारी गिरफ्तारी वारंट में राहत मिल सकती है। याचिका की आगामी सुनवाई 22 दिसंबर के पश्चात मुकर्रर की गई है। (वार्ता)