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इंदौर ने बरकरार रखी बादशाहत, स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में लगातार 5वीं बार बना नंबर वन

हमें फॉलो करें इंदौर ने बरकरार रखी बादशाहत, स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में लगातार 5वीं बार बना नंबर वन
, शनिवार, 20 नवंबर 2021 (18:58 IST)
भोपाल। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में मध्यप्रदेश के इंदौर ने अपनी बादशाहत बरकरार रखते हुए लगातार पांचवीं बार देश में स्वच्छता का परचम लहराया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज यहां बताया गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव में इंदौर को सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज और देश के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ शहर का अवॉर्ड दिया। मध्यप्रदेश को तीसरे सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया एवं सांसद शंकरलाल लालवानी ने पूरी टीम के साथ अवॉर्ड प्राप्त किया। इंदौर के इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इंदौर अद्भुत है, गजब है, धन्य है इंदौर की जनता, जिन्होंने इंदौर को लगातार पांचवीं बार स्वच्छता में शीर्ष पर बनाये रखा।

उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी नगरीय निकाय के नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों तथा कर्मचारियों को भी बधाई दी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री सिंह ने अवार्ड प्राप्त करने वाले इंदौर सहित सभी नगरीय निकायों को बधाई देते हुए कहा है कि सभी लोग मिलकर प्रयास करेंगे कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में इंदौर की तरह अन्य निकायों को भी श्रेष्ठ रैंकिंग मिले।

नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री भदौरिया ने भी पुरस्कृत नगरीय निकायों को बधाई दी है। वर्ष- 2021 के स्वच्छता सम्मान समारोह में मध्यप्रदेश के 10 लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में देश के 20 टॉप शहरों में मध्यप्रदेश के 4 शहर शामिल हैं।

इनमें इन्दौर को प्रथम, भोपाल को सातवां, ग्वालियर को 15वां और जबलपुर को 20वां स्थान मिला। इसी प्रकार 1 से 10 लाख जनसंख्या के शहरों में पश्चिमी जोन में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 25 शहर शामिल किए गए हैं। पचास हजार से एक लाख आबादी की श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 26 शहर, 25 से 50 हजार आबादी की श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 26 शहर और 25 हजार से कम आबादी की श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 35 शहर शामिल हैं।


इस प्रकार चार जनसंख्या श्रेणियों के प्रथम 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 116 शहर शामिल हैं। मध्यप्रदेश को अपने नगरीय निकायों और विभिन्न स्वच्छता प्रक्रियाओं के पालन के लिए 100 नगरीय निकायों से अधिक वाले राज्यों की श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। प्रदेश के 6 शहर इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, होशंगाबाद और बड़वाहा तथा पचमढ़ी केन्ट उत्कृष्ट अवार्ड श्रेणी के लिए सम्मानित किए गए।

इसके अलावा 27 शहरों ने स्टार रेटिंग प्राप्त की। फाइव स्टार 1, 3 स्टार 9 और 1 स्टार 17 शहर घोषित किए गए हैं। सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में इंदौर के साथ देवास तथा भोपाल ने भी श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में पुरस्कार के रूप में इंदौर को 12 करोड़, देवास को 8 करोड़ और भोपाल को 3 करोड़ की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई। होशंगाबाद शहर को 1 से 3 लाख जनसंख्या के शहरों में तेजी से बढ़ते हुए शहर का सम्मान प्राप्त हुआ है।
देवास को इसी श्रेणी के शहरों में नवाचार का सम्मान मिला है। उज्जैन शहर को 1 से 10 लाख आबादी के शहरों में नागरिक प्रतिक्रिया में सर्वश्रेष्ठ शहर का सम्मान मिला है। भोपाल ने अपना स्व-संवहनीय राजधानी का विगत वर्ष का खिताब बनाए रखा है।

साथ ही सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में भोपाल को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। छोटे शहरों की श्रेणी में खरगौन जिले के बड़वाहा को जोनल रैंकिंग में सबसे तेजी बढ़ते शहर का सम्मान प्राप्त हुआ। स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार प्रेरक दौर का घटक शामिल किया गया था। इसमें प्लेटिनम-दिव्य श्रेणी में 1 शहर इंदौर, गोल्ड-अनुपम श्रेणी में 35 शहर, सिल्वर- उज्जवल श्रेणी में 3 शहर और ब्रांज- उदित श्रेणी में 27 शहर, कॉपर आरोही श्रेणी में 4 शहर सहित कुल 70 शहरों को इस घटक में रैंकिंग प्राप्त हुई।

सम्मान समारोह में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव के साथ विभिन्न नगरीय निकायों के आयुक्त और मुख्य नगरपालिका अधिकारी उपस्थित रहे। 10 लाख अधिक आबादी की श्रेणी: देश के 20 टॉप शहरों में मध्यप्रदेश के सभी 4 शहर इन्दौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर शामिल हैं। 1 से 10 लाख आबादी की श्रेणी : पश्चिमी क्षेत्र श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 25 शहर शामिल हैं।

50 हजार से 1 लाख आबादी की श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 26 शहर शामिल हैं। इसके अलावा 25 हजार से 50 हजार आबादी की श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 26 शहर शामिल। 25 हजार से कम आबादी की श्रेणी में देश के 100 शहरों में मध्यप्रदेश के 35 शहर शामिल हैं।

इंदौर को मिला 5 स्टार के साथ सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज और स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में देश के सर्वश्रेष्ठ शहर का सम्मान। प्रदेश के कुल 27 शहरों को मिली स्टार रेंटिंग, 5 स्टार 1, 3 स्टार 9 और 1 स्टार 17 शहर घोषित किए गए। भोपाल ने इस साल फिर पाया स्व-संवहनीय राजधानी का खिताब और सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में देश में तीसरा स्थान। प्रदेश के 06 शहर हुए विभिन्न श्रेणियों के राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित।

मध्यप्रदेश को तीसरे सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार। छोटे शहरों की श्रेणी में खरगोन जिले के बड़वाहा को जोनल रैंकिंग में सबसे तेजी से बढ़ते शहर का सम्मान। सर्वेक्षण कुल 6000 अंकों का था, जिसमें सेवा स्तर प्रगति के कुल 2400 अंक थे। ओडीएफ स्टार रेटिंग के प्रमाणीकरण के 1800 अंक मिलाकर प्रदेश को अपना प्रदर्शन बेहतर करना था।

नागरिकों की इस सर्वेक्षण में भूमिका बढ़ी थी, जिसका कुल अंक प्रभाव 1800 का था। इसके अलावा सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में प्रदेश के 16 नगर निगमों सहित 2 लाइट हाउस शहर सीहोर एवं खरगोन शामिल थे। प्रदेश के शहरों ने स्टार रेटिंग के लिए अपने दावे प्रस्तुत किए थे। इसमें से 324 शहरों को डेस्कटॉप असेसमेंट में सफलता प्राप्त हुई थी। हाल में जारी प्रथम फेस के परिणामों में प्रदेश के 10 शहर इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, होशंगाबाद, ग्वालियर, सिंगरोली, मूंदी, बुरहानपुर, राजगढ़ और धार को स्टार रेटिंग प्रमाणीकरण के लिए सम्मानित किया जा रहा है। स्टार रेटिंग के दावों के परीक्षण में करीब 28 बिंदुओं पर शहरों के प्रत्येक वार्ड को परखा जाता है।
 
अगर शहर का एक भी वार्ड उक्त मानदंडों पर विफल होता है, तो शहर का स्टार रेटिंग का दावा निरस्त कर दिया जाता है। स्पष्ट है कि शहरों के सभी वार्डों को उक्त मानदंडों पर पास होने पर ही स्टार रेटिंग से प्रमाणित किया जाता है। यह एक अत्यंत कठिन प्रक्रिया है, जिसमें नगरीय निकाय, जनप्रतिनिधियों, सफाई कर्मियों नागरिकों आदि सभी का आपसी समन्वय और सामंजस्य होना आवश्यक है।

भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 18 शहरों ( 16 नगर निगमों एवं 2 लाइट हाउस शहरों सीहोर एवं खरगोन) को नामांकित किया गया था। माह अक्टूबर-2021 के दौरान इन सभी निकायों की विभिन्न मापदंडों पर समीक्षा की गई। इस जमीनी सत्यापन में प्रदेश के 18 शहरों ने भागीदारी की, जिसमें प्रदेश के तीन शहरों इंदौर, देवास और भोपाल ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान सुरक्षित किया है।

प्रदेश में खुले में शौच से मुक्ति, सार्वजनिक शौचालयों में मानक व्यवस्थाएँ, फीकल स्लज के सुरक्षित निपटान और अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग करने की प्रक्रियाओं, वैज्ञानिक अनुपालन हेतु नगरीय क्षेत्रों को ओडीएफ, ओडीएफ प्लस, ओडीएफ डबल प्लस के प्रमाणीकरण प्रदान किए जाते हैं। वर्ष-2021 के दौरान प्रदेश के 295 शहर ओडीएफ डबल प्लस और 78 शहर ओडीएफ प्लस प्रमाणित किए गए हैं। इसके अलावा इंदौर को वॉटर प्लस का प्रमाणित होने का गौरव प्राप्त हुआ है।

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