Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कोरोना दहशत के बीच ऑफलाइन परीक्षा पर अड़ी सरकार, संक्रमित होने पर कौन जिम्‍मेदार?

हमें फॉलो करें कोरोना दहशत के बीच ऑफलाइन परीक्षा पर अड़ी सरकार, संक्रमित होने पर कौन जिम्‍मेदार?

WD

, गुरुवार, 13 जनवरी 2022 (16:19 IST)
कोरोना की तीसरी लहर ने इंदौर में भी दस्तक दे दी है। प्रदेश में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोविड के 4037 नए पॉजिटिव केस सामने आए है। इंदौर में कोविड-19 के 1104 मामले दर्ज किए गए है। वहीं भोपाल में 863, ग्‍वालियर में 635 मामले और जबलपुर में 277 मामले दर्ज किए गए है। राज्य में भोपाल, इंदौर में सबसे अधिक मामले लगातार दर्ज किए जा रहे हैं। हर दिन लगातार बढ़ती संख्या के बाद पाबंदियों को दौर शुरू हो रहा है। इंदौर के डीएवीवी में कराई जा रही ऑफलाइन एग्जाम को लेकर छात्र और पैरेंट्स में रोष देखा जा रहा है।

ऑफलाइन एग्जाम और कोविड का साया..

डॉ.अनिल कुमार शर्मा, रजिस्ट्रार, डीएवीवी इंदौर ने वेबदुनिया को बताया कि एग्‍जामिनेशन की पॉलिसी म प्र शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित होता है। उच्‍च शिक्षा विभाग के निर्देश है उन्‍हीं निर्देशों के अनुसार यह परीक्षा कराई जा रही है। कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह से फॉलो किया जाएगा। परीक्षा केंद्र का 50 फीसदी ही उपयोग किया जाएगा। पीएससी की भी परीक्षाएं संचालित की गई थी। जिसमें अगर कोई बच्चा संक्रमित हो रहा था तो उनके लिए अलग से व्‍यवस्‍था की गई थी। वहीं हम लोग भी करेंगे।

डॉ. अशेष तिवारी, एग्जाम कंट्रोलर, डीएवीवी, इंदौर ने वेबदुनिया  से चर्चा में कहा कि शासन का ऑर्डर है उस वजह से हमें कराना पड़ रही है। जो उन्‍होंने ऑर्डर दिया है हम वहीं फॉलो करते हैं। उन्‍होंने ऑर्डर दे रखा है कि आपको ऑफलाइन एग्जाम करना है।

डॉ. अर्चना रांका, स्‍कूल ऑफ लॉ, विभागाध्‍यक्ष, इंदौर ने वेबदुनिया से चर्चा में बताया कि, इस संबंध में सरकार से बात करें।

कोविड से संक्रमित होने पर कौन जिम्मेदार होगा? इस सबसे बड़े सवाल पर हायर लेवल से डिपार्टमेंट तक किसी के पास जवाब नहीं मिला।

सीएम शिवराज सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेजों को बंद करने के लिए अभी अगले आदेश तक नहीं बल्कि आंकड़े को छूने का इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं। मप्र में स्थिति को अभी भी देखा जा रहा है। तीसरी लहर के दौरान बच्चे भी तेजी से चपेट में आ रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक बच्‍चे संक्रमित होने पर घर के बुजुर्गों और को-मोरबिडिटी के मरीजों को संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। वहीं शुगर के मरीजों को रिकवर होने में काफी वक्त लग जाता है। स्थिति नाजुक हो जाती है।

आंकड़ों पर नजर डाली जाए - एमपी में पॉजिटिव बच्‍चों की संख्‍या 5 फीसदी है। 50 फीसदी क्षमता के साथ खोले जा रहे स्कूलों में भी कोरोना की मार।

अभी तक इस तरह हुए कॉलेजों में कोरोना का विस्फोट

9 जनवरी 2022 को यूपी में मेडिकल कॉलेज के 34 छात्र-छात्राएं कोरोना संक्रमित पाए गए।

4 जनवरी को पंजाब के मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा छात्र कोविड की चपेट में आए।  

25 दिसंबर 2021 को कर्नाटक में 33 मेडिकल छात्र-छात्राएं कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। इससे पहले 6 दिसंबर को तेलंगाना के करीमनगर जिले में 43 मेडिकल स्टूडेंट्स कोविड की चपेट में आए थे।

 
लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच दूसरी तरफ परिजनों और छात्रों का यह कहना है कि जहां कई संस्थानों में ऑनलाइन परीक्षाएं और क्‍लासेस हो रही हैं तो हमारे यहां कोविड संक्रमण की दहशत के बीच ऑफलाइन पर क्यों जोर दिया जा रहा है?  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

MP में खतरनाक कोरोना,स्कूलों को लेकर सख्त गाइडलाइन, 227 पुलिसकर्मी संक्रमित, जेलबंदियों की मुलाकात पर बैन