इंदौर। पाकिस्तान में सिंध प्रांत के जैकबाबाद में जन्मी गीता ने उस समय होश भी नहीं संभाला था, जब उनका परिवार 40 साल पहले इस मुल्क को अलविदा कहकर भारत आ गया था। इस महिला को अब भारत की नागरिकता मिल गई है। अधिकारियों ने बताया कि गीता उन 5 लोगों में शामिल हैं जिन्हें मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र प्रदान किया। इनमें एक मुस्लिम विवाहिता भी शामिल है।
अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान के जैकबाबाद में 31 जनवरी 1981 को जन्मी गीता 4 जून 1981 से भारत में रह रही हैं। गीता ने 9 सितंबर 2015 को इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था। भारतीय नागरिकता मिलने से खुश गीता (40) ने कहा कि मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है। मैं लंबे समय से भारतीय नागरिकता पाने का प्रयास कर रही थी लेकिन अलग-अलग कारणों से मुझे नागरिकता नहीं मिल पा रही थी।
परिवार के पाकिस्तान छोड़कर भारत में बसने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस वक्त मैं बहुत छोटी थी इसलिए मुझे ठीक से पता नहीं है। 40 वर्षीय गृहिणी ने बताया कि उनकी 1 बहन और 1 भाई को भारत की नागरिकता मिलनी बाकी है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में उन हिन्दू शरणार्थियों की बड़ी आबादी रहती है, जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत से पलायन कर भारत आए हैं। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरे 5 साल में इंदौर में रह रहे करीब 2,000 पाकिस्तानी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है जबकि ऐसे 1,200 अन्य शरणार्थियों के नागरिकता आवेदनों पर विचार किया जा रहा है।(भाषा)