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किसान आंदोलन के नाम पर गुंडागर्दी, महिलाओं, बच्चों पर भी बरसाए पत्थर...

हमें फॉलो करें किसान आंदोलन के नाम पर गुंडागर्दी, महिलाओं, बच्चों पर भी बरसाए पत्थर...
, बुधवार, 7 जून 2017 (16:01 IST)
भोपाल। मंदसौर में 6 किसानों की मौत के बाद भड़का आक्रोश धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। आंदोलन अराजक हो गया है और इसके नाम पर लोगों में बेवजह परेशान किया जा रहा है। आज प्रदेश में दोपहर 2 बजे तक बंद का आह्वान किया था लेकिन अभी भी प्रदर्शन जारी है।
 
आंदोलन के नाम पर कहीं रेल पटरियों पर प्रदर्शन किया जा रहा है तो कहीं हाई वे को जाम कर दिया गया है। कई स्थानों पर टोलनाकों पर जमकर तोड़फोड़ की गई। यहां तक कि चार्टर बसों को भी नहीं बख्शा गया। बसों में सवार यात्रियों की जमकर पिटाई की गई। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। उन पर भी पत्थर बरसाए गए। यात्री किसी तरह जान बचाकर भागे और खेतों में छिप गए।  
 
मंदसौर से भड़की नाराजगी ने आज भोपाल, देवास, खरगोन, बड़वानी और झाबुआ समेत कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया। मंदसौर के बरखेड़ा में आंदोलनकारियों को समझाने गए डीएम और एसपी को भी पीट दिया गया। सोशल मीडिया पर भी इस खबर की चर्चा गर्म है। हालांकि व्हाट्सअप पर किसानों को लामबंद होने के मैसेज चलने के बाद मप्र के कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है लेकिन अन्य जिलों में भी अब सोशल मीडिया के सहारे किसान या उनके भेष में अराजक तत्व इस आंदोलन के नाम पर मनचाही गुंडागर्दी करने में जुटे हैं। 
 
आम जनता पूछ रही है कि सरकार और किसानों के बीच विवाद में निशाना उन्हें क्यूं बनाया जा रहा है। पहले ही आम आदमी का रोजमर्रा का काम-काज इस हड़ताल से प्रभावित हुआ था, पर अब उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है। 
 
सुवासरा में बुधवार दोपहर बाद हालात बिगड़ते चले गए। आंदोलनकारियों ने कई घरों और दुकानों में आग लगा दी गई। सुआसरा टीआई श्याम बिहारी शर्मा को इस कदर पीटा गया कि उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पूरे कस्बे में अफरा-तफरी का माहौल है। 
 
देवास में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आंदोलनकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान रेल रोकी गई, दुकानें जबरन बंद कराई गई। उग्र प्रदर्शनकारियों ने तहसील कार्यालय के बाहर आग लगा दी। सोनकच्छ में इंदौर-भोपाल हाईवे पर चक्काजाम किया गया, इसमें हजारों वाहन फंस गए।
 
आंदोलन के दिशा बदलने से लोगों में दहशत का माहौल है। सरकार आंदोलन के नाम पर हो रही गुंडागर्दी पर लगाम कसने में पुरी तरह विफल दिखाई दे रही है।          

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