भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार जहां एक ओर अपना खर्च चलाने के लिए लगातार कर्ज का सहारा ले रही है। वहीं लाडली बहना योजना के लिए सरकार हर महीने 1574 करोड रुपए खर्च कर रही है। इस बीच राज्य सरकार के कर्मचारियों ने महंगाई भत्ते को लेकर अपनी मांग तेज कर दी है। पिछले 9 महीने से महंगाई भत्ता मिलने का इंतजार देख रहे कर्मचारियों की अब सरकार के प्रति नाराजगी अब बढ़ती जा रही है। सरकारी कर्मचारी अब महंगाई भत्ता नहीं मिलने से सरकार से नाराज दिखाई दे रहे है।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि एक तरफ जहां प्रदेश के 12 लाख कार्यरत और सेवानिवृत कर्मचारियों को 4% महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत 9 महीने से नहीं दी जा रही है जबकि उसमें महीने का लगभग 250 करोड रुपए खर्च आएगा। वहीं प्रदेश की लाडली बहनों को 1250 रुपए प्रतिमाह दिए जा रही है इसमें 1574 करोड रुपए हर महीने सरकार प्रदान कर रही है। इस बीच बीना में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाडली बहनों को 5 हजार रुपए देने तक की बात कहते है। वह कहते हैं कि कर्मचारी लाडली बहनों को पांच हजार तक देने के एलान कर स्वागत करते है लेकिन प्रदेश के कर्मचारी जो काम करते हैं औऱ सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं उनको महंगाई का सामना करने के लिए मिलने वाले महंगाई भत्ता/ महंगाई राहत से वंचित किया जा रहा है जो कि दुख का विषय है।
कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि त्योहारों में कर्मचारियों के परिवारों पर अतिरिक्त खर्च आ जाता है। ऐसे में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाए। वह कहते हैं कि 4 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने से कर्मचारियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। ऐसे में कर्मचारियों की उम्मीद है कि सरकार उनकी सुध लेगी लेकिन हर कैबिनेट की बैठक के बाद उन्हें निराशा हाथ लगती है, जबकि सरकार ने कई अवसरों पर कहा है कि केंद्र के समान ही महंगाई भत्ता राज्य के कर्मचारियों को मिलेगा लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है वह सरकार से मांग करते है कि 9 महीने से आर्थिक लाभ से जो कर्मचारी वंचित है उन्हें 4% प्रतिशत महंगाई भत्ता / सेवानिवृत कर्मचारियों को महंगाई राहत जनवरी 2024 से प्रदान की जाए।