नई दिल्ली। हाल ही में नर्मदा परिक्रमा पूरी करने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का करीब दो सप्ताह तक इंतजार करने के बाद मध्य प्रदेश में 15 मई से एक और यात्रा निकालने की घोषणा की है।
सिंह ने कहा कि इस दौरान वह हर विधानसभा क्षेत्र में जाएंगे और कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को एकजुट कर आगामी चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करेंगे।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ से पहले ही अलग होने का ऐलान कर चुके सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ खास बातचीत में कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में पार्टी जीतती है और विधायक उनसे मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए कहते हैं तो भी वह विनम्रता से मना कर देंगे।
बीते 10 अप्रैल को ‘नर्मदा परिक्रमा’ पूरी करने वाले सिंह ने कहा कि अपनी इस यात्रा के बारे में उन्होंने कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी (दीपक बाबरिया) से चर्चा की है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी शायद कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है।
अपनी आगामी यात्रा के बारे में उन्होंने कहा, 'मैं इसे एक चुनौती के तौर पर लेता हूं। एक-एक विधानसभा क्षेत्र में जाऊंगा और कार्यकर्ताओं को एकजुट करूंगा। हमारे साथ वे नेता भी होंगे जो लोकसभा या विधानसभा के टिकट के आकांक्षी नहीं है।'
गौरतलब है कि सिंह ने पिछले साल 13 सितंबर से ‘नर्मदा परिक्रमा’ शुरू की थी और यह बीते 10 अप्रैल को संपन्न हुई। इस धार्मिक पदयात्रा के दौरान उन्होंने तीन हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने स्वीकार किया कि 2008 में मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर थी, लेकिन कांग्रेस उसका फायदा नहीं उठा पाई।
सिंह राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के नाम का समर्थन करने संबंधी अपने पुराने बयान पर भी कायम हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह उनको स्वीकार्य होगा।
उल्लेखनीय है कि कमलनाथ को आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया।
सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के अलावा पार्टी उन्हें जो भूमिका देगी, वह स्वीकार करेंगे। उन्होंने अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना से भी इनकार नहीं किया।
मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ को अपनी पसंद बताने संबंधी पुराने बयान के बारे में याद दिलाने पर सिंह ने कहा, '2008 में मैंने छिंदवाड़ा में एक सभा में कहा था कि वह (कमलनाथ) नेतृत्व कर सकते हैं। मैं जो कहता हूं, उससे हटता नहीं। लेकिन पार्टी नेतृत्व और राहुल गांधी फैसला करेंगे।' (भाषा)