भोपाल। जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के हो गए हैं तब से मध्यप्रदेश में राजनीतिक खींचतान अपने चरम पर है। महाराज के भाजपा में जाने के बहुत समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सिंधिया पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्यसभा की टिकट और मोदी कैबिनेट में मंत्री पद के लिए आपने कांग्रेस और गांधी परिवार को धोखा दिया।
दिग्विजय ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें भी आज से 50 साल पहले जनसंघ (अब भाजपा) में शामिल होने का ऑफर मिला था। लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि वे आज भी राजमाता विजयाराजे सिंधिया का बहुत सम्मान करते हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजमाता ने 1970 में जनसंघ में शामिल होने को कहा था। उस समय वे राघौगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष थे। लेकिन, गोलवरकर के विचारों को पढ़ने और आरएसएस के नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद उन्होंने जनसंघ में शामिल होने से मना कर दिया था।
दिग्विजय ने कहा कि मैंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि महाराज (क्षमा करें, क्योंकि मैं खुद एक सामंती पृष्ठभूमि से आता हूं, मैं उन्हें ज्योतिरादित्य के रूप में संबोधित नहीं करता) कांग्रेस और गांधी परिवार को धोखा दे सकते हैं। वह भी किसके लिए- मोदी शाह के अंदर राज्यसभा की सीट और कैबिनेट मंत्री पद ले लिए। मुझे दुख है कि मैंने कभी भी आपसे यह उम्मीद नहीं की थी।
दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं पीएम मोदी प्रशंसक नहीं हूं बल्कि उनके सबसे कड़वे आलोचकों में हूं। लेकिन, मैं हर अवसर पर देश को ध्रुवीकृत करने के उनके साहस और साहसपूर्ण प्रयास की प्रशंसा करता हूं। मैं संघ / भाजपा से बिलकुल सहमत नहीं हूं लेकिन उनकी विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करता हूं।