Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Covid 19 संकट में गरीबों का 79 लाख से ज्यादा का राशन हड़पा, मुख्य आरोपियों पर NSA

हमें फॉलो करें Covid 19 संकट में गरीबों का 79 लाख से ज्यादा का राशन हड़पा, मुख्य आरोपियों पर NSA
, मंगलवार, 19 जनवरी 2021 (20:49 IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश)। कोविड-19 संकट से जूझ रहे गरीबों के लिए सरकार का भेजा गया 79 लाख रुपए से ज्यादा का राशन यहां शासकीय कर्मचारियों की मिलीभगत से कथित तौर पर हड़प लिया गया। इस घोटाले का मंगलवार को खुलासा करते हुए जिला प्रशासन ने 31 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। अधिकारियों ने बताया कि घोटाले के 3 मुख्य आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि हमारी जांच में पता चला है कि अप्रैल से लेकर दिसंबर 2020 के बीच शहर में उचित मूल्य की 12 सरकारी दुकानों के जरिए कुल 79 लाख 4 हजार 479 रुपए का राशन गरीब वर्ग के लोगों को प्रदान करने के बजाय खुले बाजार में बेच दिया गया। हितग्राहियों के बयानों से पता चलता है कि खासकर कोविड-19 के लॉकडाउन के वक्त उन्हें जानकारी नहीं थी कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उनके लिए अलग से राशन भेजा गया है। इस अज्ञानता का फायदा उठाकर उचित मूल्य की सरकारी दुकानों से उन्हें यह राशन प्रदान नहीं किया गया और इसे दस्तोवजों के फर्जीवाड़े के जरिए खुले बाजार में बेच दिया गया। 
 
सिंह ने बताया कि राशन माफिया ने उचित मूल्य की सरकारी दुकानों के कर्ताधर्ताओं की मिलीभगत से गेहूं, चावल, नमक, शकर, चना दाल, तुअर दाल, साबुत चना और कैरोसिन की बड़ी खेप हड़प ली। इस घोटाले के मुख्य आरोपियों के रूप में राशन दुकानदारों के एक संगठन के अध्यक्ष भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद दहीगुड़े की पहचान हुई है। तीनों के खिलाफ एनएसए लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि इन तीनों समेत कुल 31 लोगों के खिलाफ शहर के अलग-अलग पुलिस थानों में 10 प्राथमिकियां भी दर्ज कराई गई हैं।
राशन घोटाले के आरोपियों में उचित मूल्य की सरकारी दुकानों के कर्मचारियों के साथ ही जिले के तत्कालीन खाद्य नियंत्रक आरसी मीणा शामिल हैं। सिंह के मुताबिक मीणा पर राशन माफिया से मिलीभगत के साथ ही यह आरोप भी है कि उन्होंने उनके कनिष्ठ अफसरों को इस घोटाले की सही जांच करने से रोका और उनका भविष्य खराब करने की धमकी दी।
उन्होंने बताया कि गड़बड़ियों के खुलासे पर इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन शर्मा ने तत्कालीन खाद्य नियंत्रक को 13 जनवरी को निलंबित कर दिया था। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन की विस्तृत जांच जारी है और इंदौर के अलावा राज्य के अन्य जिलों से भी राशन घोटाले के तार जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

SC की कमेटी के सदस्य बोले- कृषि कानून वापस लिए गए तो 50 सालों तक कोई सरकार इसे छूने की हिम्मत नहीं करेगी