भोपाल। विश्वप्रसिद्ध उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। महाकाल मंदिर प्रशासन से जुड़े और महानिर्वाणी अखाड़े के परमहंस डॉक्टर अवधेश पुरी महाराज ने बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए बनाई गई व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि भस्म आरती के नाम पर भष्टाचार हो रहा है, वहीं दर्शन के पास बनाने के लिए मंदिर के आसपास दलालों का एक गिरोह सक्रिय है, जो भक्तों को ठगने का काम करता है। पिछले दिनों मंदिर परिसर में कई दलालों का पकड़ा जाना इसका जीता-जागता सबूत है, वहीं 'वेबदुनिया' से बातचीत में अवधेश पुरी महाराज कहते हैं कि भस्म आरती के लिए अनुमति प्रथा को समाप्त कर देना चाहिए।
अवधेशपुरी महाराज ने भस्म आरती के समय मंदिर प्रशासन की उस परंपरा का भी विरोध किया है जिसमें महिलाओं को भस्म आरती के समय मुंह ढंकने के लिए कहा जाता है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भी लिखा है।
मुख्यमंत्री को संबोधित अपने पत्र में अवधेश पुरी ने कहा कि विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर भस्म आरती के नाम पर भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है जिसके परिणामस्वरूप विश्व पटल पर महाकाल की छबि धूमिल हो रही है औरश्रद्धालुओं की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भस्म आरती के नाम पर 24 घंटे चल रही सौदेबाजी से महाकाल का आभामंडल प्रदूषित हो रहा है।
पुरी ने आगे लिखा कि महाकाल की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना के लिए भस्म आरती को अन्य 4 आरतियों की तरह ही अनुमति प्रथा से मुक्त किया जाए। जिससे जो श्रद्धालु पहले आएं, वे आगे बैठते चले जाएं तथा नंदी हॉल व गणेश मंडपम् के भरने के बाद एक चलित पंक्ति के माध्यम से भी दर्शनार्थी दर्शन कर सकें जिससे कि सभी को भस्म आरती का लाभ प्राप्त हो और श्रद्धालु दु:खी मन से वापस न जाएं।