माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने 2018 से 2023 तक के 23 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। इसके साथ ही मीडिया, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर एवं सूचना प्रोद्योगिकी पाठ्यक्रम के लगभग 450 विद्यार्थियों को विभिन्न विधाओं में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स, मास्टर ऑफ़ साइंस, मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन, मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म, मास्टर ऑफ़ लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस और मास्टर ऑफ़ फिलोसफी की उपाधि प्रदान की गयी। उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के भोपाल के बिशनखेड़ी में स्थित नवीन परिसर का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के रूप में मीडिया का कार्य शासन के सभी अंगों को सचेत करना, सच्चाई, सटीकता एवं निष्पक्षता के साथ जनमानस तक जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस लोकतांत्रिक राष्ट्र की रीढ़ है। प्रेस की स्वतंत्रता के साथ प्रेस का ज़िम्मेदार होना भी महत्वपूर्ण है। सकारात्मक समाचार को तरजीह देना आवश्यक है। इससे समाज में हो रहे सकारात्मक बदलाव को गति प्राप्त होती है।
उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी एवं विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान पत्रकारिता जगत में अपना उत्कृष्ट योगदान निरंतर जारी रखेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं समाजसेवा है। पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं। व्यावसायिक लाभ व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर सेवा-भाव से काम करें।
वैदिक मंत्रोचार के साथ हुआ दीक्षांत समारोह का शुभारंभ- दीक्षांत समारोह में पारंपरिक परिधान और अंगवस्त्र के प्रति उपराष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम-चारों दिशाओं की झलक देखने को मिलती है। यह देश के लिए बहुत बड़ा सार्थक संदेश है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आज भारत आर्थिक, शैक्षणिक, शोध हर क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यह गौरव का विषय है। आज ऐसा वातावरण है कि हर व्यक्ति जो चाहे वह निखार स्वयं में ला सकता है और भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान दे सकता है। दीक्षांत समारोह में कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी की अगुवाई में विद्वत् यात्रा ने वैदिक मंत्रोचार की पवित्र ध्वनि के बीच सभागार में प्रवेश किया। स्वस्ति वाचन एवं मंगलाचरण के उच्चारण के साथ उपराष्ट्रपति ने दीप प्रज्वलन कर दीक्षांत कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. के.जी. सुरेश ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय एशिया का प्रथम एवं देश का सबसे बड़ा पत्रकारिता विश्वविद्यालय है, जो विगत 32 वर्षों से पत्रकारिता, प्रसारण पत्रकारिता, जनसंपर्क एवं विज्ञापन, फिल्म अध्ययन, जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग, नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और संचार शोध विषयों में शिक्षण- प्रशिक्षण देता है। इंडिया टुडे ओपन मैगजीन सर्वे और द वीक मैगजीन की रैंकिंग में, हाल ही में, इसे श्रेष्ठ मीडिया संस्थानों में शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत मीडिया पाठ्यक्रमों को लागू करने वाला, यह देश का प्रथम विश्वविद्यालय है। आज प्रदेश में पांच परिसरों, 1600 से अधिक अध्ययन केंद्रों में 2 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। अकादमिक उन्नयन की दिशा में, UN पॉपुलेशन फंड समेत विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के अनेक शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से परस्पर सहमति अनुबंध किया है जिसका लाभ विद्यार्थियों के ज्ञान एवं कौशल में हो रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत, रोजगारमूलक फिल्म अध्ययन और चलचित्र विभाग स्थापित किया गया है। मध्यभारत का यह पहला अध्ययन केंद्र, समाज में सकारात्मक, सृजनात्मक और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्यों को डिजिटल फिल्म मेकिंग के जरिए पूरा करेगा। हमने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड के संस्थापक संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल के स्मृति में देश का प्रथम डिजिटल समाचार पत्र संग्रहालय 'न्यूज़ियम' बनाने का भी सैद्धांतिक निर्णय लिया है। डॉ. सुरेश ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों एवं आगामी कार्ययोजना की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।