भोपाल। एक ओर कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार का भविष्य आज तय हो जाएगा वहीं मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे बसपा और सपा विधायकों का लगता है सरकार से धीरे-धीरे मोहभंग हो रहा है। वहीं बैठक में शामिल होने पहुंचीं बसपा विधायक रामबाई भी सरकार से नाराज दिखाई दीं।
विधानसभा सत्र में तीसरी बार बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पहली बार बसपा के विधायक संजीव सिंह और सपा के विधायक राजेश शुक्ला नहीं पहुंचे। वहीं बैठक में शामिल होने पहुंचीं बसपा विधायक रामबाई भी सरकार से नाराज दिखाई दीं। बीच बैठक से बाहर निकलीं बसपा विधायक से जब उनके मंत्री बनने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अब मुझे मंत्री बनना ही नहीं है और मैंने ही मना कर दिया है।
बसपा विधायक ने नाराजगी जाहिए करते हुए कहा कि सरकार में शामिल रहते हुए उनके परिवार पर झूठे मुकदमे लगाए गए हैं और उनको न्याय नहीं मिल रहा है। बसपा विधायक ने कहा कि मंत्री उनकी नहीं सुन रहे हैं और बिजली कटौती से उनको लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उधर बैठक में सपा और बसपा विधायकों को नहीं पहुंचाना काफी चर्चा में रहा। सूत्र बताते हैं कि दोनों विधायक सरकार और मंत्रियों से तवज्जों नहीं मिलने के चलते नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते दोनों बैठक में नहीं पहुंचे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ सरकार बसपा और सपा विधायकों ने बिना शर्त समर्थन दिया था।
सरकार को समर्थन देने वाली बसपा विधायक रामबाई पहले भी सार्वजनिक तौर पर खुद को मंत्री बनाए जाने की मांग कर चुकी हैं। ऐसे में जब विधानसभा का सत्र चल रहा है तो बजट पर चर्चा के दौरान कभी भी फ्लोर टेस्ट की नौबत आ सकती है, सहयोगी दलों की विधायकों की दूरी भारी पड़ सकती है।