भोपाल। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कांग्रेस की ओर से बॉयकॉट करने पर मध्यप्रदेश की राजनीति भी गर्मा गई है। फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर से आवाज उठने लगी है। धार में कांग्रेस प्रवक्ता दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने फैसले के विरोध में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे में कांग्रेस नेता ने लिखा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण अस्वीकार कर दिए जाने के फैसले को पीड़ादायक बताते हुए इस्तीफा देने का कदम उठाया है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा कि पार्टी के फैसले से मुझे आघात पहुंचा है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राममंदिर पर केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि मंदिर पूर्ण होने जाने पर पार्टी के 1 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता अयोध्या जाएंगे। दूसरी ओर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा के हमलों का जवाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “मैं हिंदू हूं, मैं धार्मिक हूं ये मेरा नितांत निजी विषय है। अपने धर्म को मानने का तरीका किसी की परेशानी का सबब नही बनना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना ही हमारे देश की असली पहचान है”।
वहीं मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के कांग्रेस के बॉयकॉट करने पर तंज कसते हुए कहा कि इससे कांग्रेस का सनातन और राम विरोधी चरित्र उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि 500 साल के इंतजार और लाखों लोगों के बलिदान के बाद 22 जनवरी अयोध्या में रामलला विराजमान होंगे, इस अवसर पर देश के साथ विदेशों में भी लोगों भगवान राम की भक्ति में डूब गए है। कांग्रेस जो हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है उसका चरित्र एक बार फिर पूरे देश के सामने आ गया है।