हिंदू राष्ट्र के समर्थन में आना कमलनाथ के लिए जरूरी ‘मजबूरी’!

विकास सिंह
मंगलवार, 8 अगस्त 2023 (15:50 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर हिंदू राष्ट्र को लेकर सियासत तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के गढ़ में हिंदू राष्ट्र का झंडा बुलंद करने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की कथा को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है।

सियासी संग्राम छिड़ने का बड़ा कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का हिंदू राष्ट्र को लेकर बड़ा बयान देना है। आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कमलनाथ से जब मीडिया ने हिंदू राष्ट्र को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी हिंदू आबादी अपने देश में है और देश में 82% हिंदू निवास करते हैं,इसलिए इसमें कोई बहस का मुद्दा नहीं है। यह कहने की बात नहीं, यह तो आंकड़े बताते है भारत हिंदू राष्ट्र है।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ के हिंदू राष्ट्र के समर्थन में आने को कांग्रेस का हिंदुत्व कार्ड माना जा रहा है। वहीं चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस प्रदेश के गांव-गांव में धर्म चौपाल लगा रही है। जिसमें भजन-कीर्तन करके लोगों को सीधे कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश कर रही है।

चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ खुद को हनुमान भक्त कहने के साथ हिंदू और हिंदुत्व को लेकर भाजपा पर लगातार हमला बोले रहे है। कमलनाथ साफ कहते हैं कि हिंदू और हिंदुत्व पर किसी के सार्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। वहीं पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गले में भगवा गमछा डाल जय श्री राम के नारे लगाते हुए नजर आए। चुनावी साल में कांग्रेस लगातार ऐसे कार्यक्रम कर रही है जिससे उसकी हिंदू और हिंदुत्व विरोधी छवि को खत्म किया जा सके। इसके लिए पार्टी एक साथ कई रणनीतियों पर काम कर ही है। पिछले दिनों कमलनाथ पुजारी प्रकोष्ठ की बैठक में शामिल हुए और सरकार में आने मठ-मंदिर पर पुजारियों के एकाधिकार की बात कही।

खुद को हनुमान भक्त बताने वाले कमलनाथ कहते हैं कि हिंदू और हिंदुत्व पर उनको किसी के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है। वहीं पार्टी चुनाव से ठीक पहले प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर धर्म रक्षा यात्रा निकालने के साथ धर्म संवाद जैसे कार्यक्रमों का सहारा ले रही है। भाजपा के राम मंदिर और हिंदुत्व की काट के लिए पार्टी रामवन गमन पथ के निर्माण को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने जा   रही है। इसके साथ पार्टी अपने कार्यक्रमों के साथ बैनर और पोस्टर और सोशल मीडिया पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की हिंदुत्व वाली छवि को लगातार मजबूत कर रही है। सोशल मीडिया पर कमलनाथ को हनुमान भक्त बताने के साथ कांग्रेस सरकार के समय किए जा रहे कामो को गिना रही है। वहीं चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ छिंदवाड़ा में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण कथा भी कराने जा रहे है, जिससे कांग्रेस के हिंदुत्व को कार्ड को और मजबूते के साथ उठाया जा सके।

भाजपा का कमलनाथ पर तंज- चुनावी साल में कमलनाथ के हिंदू राष्ट्र के समर्थन में आने पर भाजपा पॉलिटिक्स पाखंड बता रहे है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि चुनाव आते ही पॉलिटिकल पाखंड करने वाले कमलनाथ जी सियासी रोटियां सेंकने के लिए धार्मिक चौपाल लगाने के साथ कथा और  भजन कीर्तन करवा रहे है। कमलनाथ पर हमला बोलते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ ने प्रदेश में 15 महीने सत्ता में रहते हुए मंदिरों, पुजारियों और धर्म के लिए एक भी कदम नहीं उठाया। वहीं विपक्ष में आते ही मंदिर-मंदिर खेलने की शुरूआत करते है।

इसके साथ ही कमलनाथ के हिंदू राष्ट्र के समर्थन में आने पर नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कमलनाथ और कांग्रेस को अब हिंदुओं की ताकत समझ में आ गई है। सुविधाभोगी हिंदू कमलनाथ समाज और राष्ट्र के लिए काम नहीं करके स्वयं के लिए काम करते है।  

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज कांग्रेस कंफ्यूज है और कई चीजों के लिए मजबूर है। जो लोग कभी राम भगवान का नाम लेने से परहेज करते थे, काल्पनिक मानते थे। आज वो कथाएं करा रहे हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करा रहे है। अब यह करने के लिए मजबूर है क्योंकि चुनाव आ रहे हैं। यह कांग्रेस की चुनावी भक्ति है। उनके अंदर ही अंदर अंतर्द्वंद मचा हुआ है। कमलनाथ जी सोच रहे हैं, मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं; बड़ी मुश्किल है किधर जाऊं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा हिंदुत्व के मुद्दें पर लड़ने की तैयारी कर रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे पर उतरने के एक नहीं कई कारण है। हिंदुत्व का एजेंडा 2014 के बाद भाजपा की जीत की गारंटी बन गया है। भाजपा विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व पर फोकस करके सरकार के खिलाफ मौजूदा एंटी इंकमबेंसी की धार को कुंद करने की कोशिश कर रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार प्रदेश के धार्मिक स्थलों को भव्यता प्रदान के लिए बड़े-बड़े  ऐलान कर रही है। इसमें प्रमुख धार्मिक स्थलों को भव्य स्वरूप देकर भाजपा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व के एजेंडे को नई धार दे दी है। ऐसे में सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी  कमलनाथ के लिए अब हिंदू राष्ट्र की बात करना एक जरूरी सियासी मजबूरी बन गया है।
 

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