Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

CM मोहन यादव ने लगाई आस्था की डुबकी, कहा- उज्जैन सिंहस्थ 2028 के भव्य आयोजन के संकल्प के साथ आया हूं प्रयागराज

Advertiesment
हमें फॉलो करें Mohan Yadav
भोपाल , शनिवार, 8 फ़रवरी 2025 (23:03 IST)
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महाकुंभ सनातन संस्कृति का गौरवशाली उत्सव है। विशेष ग्रह नक्षत्रों के शुभ संयोग में होने वाले महाकुंभ में सभी की आस्था का प्रकटीकरण होता है। साथ ही साधु-संतों के सान्निध्य में आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी प्राप्त होता है। भारत वर्ष में प्रत्येक 12 वर्ष में अलग-अलग चार नगरों में होने वाले कुंभ में स्नान का अवसर कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रयागराज के महाकुंभ में पधारे श्रद्धालुओं को इस सौभाग्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
ALSO READ: आप-दा से मुक्त हुआ दिल्ली, पीएम मोदी और कार्यकर्ताओं की मेहनत से मिली जीत: डॉ. मोहन यादव
उन्होंने कहा कि वे उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ : 2028 के दिव्य और भव्य आयोजन की तैयारी के संकल्प के साथ प्रयागराज आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पवित्र संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के बाद कहा कि माँ गंगा, जमुना और सरस्वती की कृपा है, संगम का किनारा है। प्रयागराज सभी तीर्थों का राजा है। यहां आज कुंभ स्नान का जो आनंद आया है वह कई जन्मों के पुण्य के बाद प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि माँ गंगा, यमुना और सरस्वती का प्रवाह अनंत काल तक निर्बाध रहे, सबका मंगल एवं कल्याण हो, ऐसी कामना करता हूँ।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रयागराज महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं राज्य सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से उत्तरप्रदेश सरकार ने इस भव्य महाकुंभ का कुशलता से आयोजन किया है। विगत दिनों प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी तीर्थराज प्रयाग पधार रहे हैं।  
Mohan Yadav
सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर साधु-संतों से भी लेंगे मार्गदर्शन 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि कुंभ मेले में धर्म के प्रति आस्था के साथ अनेकों साधु-संतों का सत्संग मिलता है, जिससे जीवन की सार्थकता सिद्ध होती है। बृहस्पति के सिंह राशि में प्रवेश करने पर उज्जयिनी में सिंहस्थ का आयोजन होता है। समुद्र मंथन की आलौकिक घटना से भी इसका संबंध है। इस अवसर पर ऋषि-मुनि, साधु-सन्यासी, तपस्वी एवं श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व में शामिल होते हैं और आस्था के साथ पवित्र स्नान करते हैं। उन्होंने कहा कि उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए, प्रयागराज महाकुंभ में हुई तैयारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों का दल प्रयागराज भेजा गया है। महाकुंभ में पधारे साधु-संतों से भी इस संबंध में मार्गदर्शन लिया जाएगा।
महाकुंभ में मध्यप्रदेश के पंडाल में सांस्कृतिक आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि तीर्थराज प्रयाग की पावन भूमि पर महाकुंभ में मध्यप्रदेश का पंडाल भी लगाया गया है, जहां भगवान श्रीकृष्ण और सम्राट विक्रमादित्य से जुड़े वृतांतों पर मंचन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस प्रयास से देश-दुनिया के लोग प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और वैभव से परिचित हो रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

AAP के अस्तित्व पर संकट, अरविंद केजरीवाल पर भारी पड़ा मोदी मॉडल