Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अब न हॉर्न का शोर होगा-न इंजन का, शांति के साथ सफारी का आनंद उठाएंगे वन विहार आने वाले टूरिस्ट

सीएम डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के वन विहार से किया वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ

Advertiesment
हमें फॉलो करें Chief Minister Dr. Mohan Yadav inaugurated Wildlife Week from Van Vihar

विकास सिंह

, बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 (18:00 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल आने वाले टूरिस्ट के लिए 1 अक्टूबर का दिन खास रहा। अब यहां आने वाले टूरिस्ट वन विहार में डीजल की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों से सफारी का आनंद उठाएंगे। उन्हें गाड़ियों के बेवजह बजने वाले हॉर्न और शोर से मुक्ति मिलेगी। दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज वन विहार से राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ किया। उन्होंने 40 इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के लिए कर्मचारियों और पर्यटन विकास समितियों को पुरस्कार प्रदान किए। इसके अलावा उन्होंने वाइल्ड लाइफ पर आधारित किताब और गिद्धों के संरक्षण पर केंद्रित रिपोर्ट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में 'भारत के वन्यजीव-उनका रहवास एवं आपसी संचार' विषय पर केंद्रित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।
 
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। चीता, बाघ, घड़ियाल, गिद्ध मध्यप्रदेश की पहचान हैं। अब प्रदेश में कोबरा भी बसाया जा रहा है। यहां कोबरा भी अपना घर बना रहा है। प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वन विभाग ने पर्यटकों के लिए उपलब्ध पुराने डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला है। उन्होंने कहा कि यह ईको टूरिज्म की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इसकी शुरुआत भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान से की गई है। अब यहां आने वाले पर्यटक 40 इलेक्ट्रिक वाहनों में सफारी का आनंद ले पाएंगे। सरकार ने आज 626 पर्यटन समितियों को वन्यजीव पर्यटन विकास निगम की ओर से 18 करोड़ 74 लाख से अधिक राशि के पुरस्कार प्रदान किए। 
 
विश्व के पर्यटकों की नजर एमपी पर-सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 11 नेशनल पार्क, 9 टाइगर रिजर्व, 36 वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी, एक कंजर्वेशन रिजर्व है। प्रदेश की 30 प्रतिशत से अधिक भूमि वनों से भरी हुई है। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हमने चीता मित्र, हाथी मित्र, ताप्ती संरक्षण रिजर्व जैसे अनेक उल्लेखनीय काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल मध्यप्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या 13.81 लाख रही। दुनियाभर से पर्यटक वन्यजीवों को देखने के लिए मध्यप्रदेश आ रहे हैं। राज्य सरकार वन्य संपदा की रक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उज्जैन और जबलपुर में दो नए चिड़ियाघर आकार ले रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी नेशनल पार्कों के आसपास जू एंड रेस्क्यू सेंटर विकसित किए जाएं। ताकि, घायल जंगली जानवरों को समय पर उचित इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को ऐसा राज्य बनाएंगे, जहां हर प्रकार की वन संपदा हो, वन्यजीवों के उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर हों। हमारा प्रयास है कि देशभर में मध्यप्रदेश की अलग छवि बने। मध्यप्रदेश बाघ, चीता, घड़ियाल, मगरमच्छ और गिद्धों के संरक्षण में पहचान बना चुका है। जल, थल और नभचर सभी वन्यजीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। प्रदेश में चिड़ियाघरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। जीवनदायिनी मां नर्मदा की सहायक तवा नदी में जल्द ही मगरमच्छ छोड़े जाएंगे। 
 
भावांतर योजना अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श उदाहरण-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान कल्याण के लिए हर स्तर पर काम कर रही है। राज्य के सोयाबीन उत्पादक किसानों को उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए भावांतर योजना फिर से लागू की गई है। इसके माध्यम से हमारा प्रयास है कि किसानों को सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ मिले। केंद्र सरकार ने इस वर्ष सोयाबीन की एमएसपी 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय की है। यह पिछले साल 4800 रुपए से 528 रुपए ज्यादा है। प्रदेश के सभी सोयाबीन उत्पादक किसान 3 अक्टूबर से भावांतर योजना में उपज बेचने के लिए पंजीयन कराएं और 24 अक्टूबर से मंडियों में सोयाबीन बेचें। राज्य सरकार भावांतर की राशि बहुत जल्द सीधे किसानों के बैंक खातों में अंतरित करेगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बिहार चुनाव में बाहुबली पप्पू यादव की सियासी नैय्या मझधार में