भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अखंड भारत को लेकर दिए बयान पर पाकिस्तान की आपत्ति को मुख्यमंत्री ने दरकिनार कर दिया है। आज भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि किसी की आपत्ति से अखंड भारत की बात समाप्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लाख आपत्ति जताए, लेकिन विस्थापित शरणार्थियों के आने के पहले अखंड भारत ही था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। हमारे अखंड भारत का सपना हजार साल का रहा है, किसी की आपत्ति से यह बात समाप्त नहीं होगी। वह अपनी जगह स्थिर रहेगी। अतीत के अखंड भारत के हिस्से को लेकर आज भी पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा हमारे राष्ट्रगान में है और इसे हटा नहीं सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?-अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि भारत के सुशासन और रामराज्य के प्राकट्य का पहला चरण है। प्रभु श्री राम का मंदिर का दुश्मनों के आंखों में कांटा बनकर खटकता था। हमारा समय खराब था तो आक्रान्ताओं ने छिन्न भिन्न किया। यहीं उसी तरह था जिस तरह से 1947 में हमारे हाथ से सिंध का जाना हुआ, पाकिस्तान का बंटना हुआ, हिंदुस्तान का बंटना हुआ। परमात्मा करेगा तो आज नहीं कल देश को एक करेंगे और अंखड भारत फिर बनाएंगे। सिंध, पंजाब और अफगानिस्तान तक वापस भारत वहीं बनेगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस बयान पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई थी। अयोध्या में राममंदिर को लेकर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय एक बयान जारी करके बाबरी मस्जिद स्थल पर राममंदिर के निर्माण की निंदा की थी। इसके साथ पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश और मध्य़प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयानों पर आपत्ति जताई थी।