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भोपाल समेत मध्यप्रदेश के 7 जिलों में फैला चिकनपॉक्स, स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट, जानें क्या है लक्षण और इलाज

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विकास सिंह

, शनिवार, 4 जून 2022 (21:20 IST)
भोपाल। मंकीपॉक्स के अलर्ट के बीच मध्यप्रदेश में चिकनपॉक्स के बढ़ते मामलों के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सात जिलों में चिकनपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले एक माह में छतरपुर, छिंदवाड़ा, दतिया, नीमच, भोपाल, धार और खण्डवा से फीवर विद रेशेस के 31 केस मिले है। इनके क्लीनिकल एक्जामिनेशन के आधार पर चिकनपॉक्स की प्रज्मटिव डॉयग्नोसिस हुई है। स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने एडवाइजरी जारी कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि चिकनपॉक्स के लक्षण, रोकथाम और उपचार के लिये एडवाइजरी जारी की गई है जिसके अनुसार आवश्यक कार्यवाही करें।
 
चिकनपॉक्स का संक्रमण और लक्षण क्या है?- चिकनपॉक्स एक संक्रमित बीमारी है। यह बच्चों के साथ वयस्क और गर्भवती महिलाओं को भी संक्रमित कर सकती है। चिकनपॉक्स VZV वायरस के संक्रमण से फैलता है। इस वायरस के संक्रमण के कारण शरीर में खुजली, दाने (रेश) और छाले के साथ शरीर में छाती, पीठ और चेहरे पर लाल दाने दिखाई देने लगते हैं और फिर सारे शरीर में दाने फैल जाते हैं। वयस्कों में शरीर के अंगों पर दाने उभरने से पहले हल्का बुखार अथवा बैचेनी के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। बच्चों में शरीर पर दाने ज्यादातर बीमारी का पहला संकेत हो सकता है। चिकनपॉक्स वायरस का संक्रमण लगभग 4 से 7 दिनों तक रहता है।
 
चिकनपॉक्स के प्रमुख लक्षणों में शरीर पर दाने होते हैं, जो खुजली पैदा करते हैं और बाद में फफोले में बदल जाते हैं तथा सूखने के बाद पपड़ी में बदल जाते हैं। फफोले के सूखने में लगभग एक सप्ताह लगता है। जिन बच्चों, किशोर, वयस्क और गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें अधिक खतरा बना रहता है और अधिक जटिलताएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। शरीर पर दाने उभरने में लगभग एक से दो दिन पहले बुखार, थकान, भूख में कमी तथा सिर में दर्द आदि के लक्षण प्रकट होते हैं। किसी भी व्यक्ति को कभी भी चिकनपॉक्स हो सकता है, चाहे उसे कभी संक्रमण नहीं हुआ है अथवा चिकनपॉक्स का टीकाकरण हुआ हो।
 
कैसे फैलता है चिकनपॉक्स?-चिकनपॉक्स वायरस त्वचा पर उभरे दानों और घाव के तरल पदार्थ को छूने, संक्रमित व्यक्ति के साँस लेने-छोड़ने और संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने से फैलता है। चिकनपॉक्स से वयस्कों में वायरस के कारण निमोनिया, वायरल निमोनिया, बच्चों में त्वचा संबंधी बीमारी की समस्याएँ, रक्तस्त्राव की समस्याएँ और अन्य वैक्टीरियल इन्फेक्शन आदि की समस्या हो सकती हैं।
 
चिकनपॉक्स होने पर क्या करें?-व्हीजेडव्ही वायरस को अन्य दूसरे व्यक्तियों तक फैलने और त्वचा के संक्रमण को रोकने के लिये नाखूनों को छोटा रखें और प्रयास करें कि खुजली और खरोंचना कम हो। यदि दाने, घाव अथवा छाले को आपने खरोंच लिया है, तो अपने हाथों को तत्काल साबुन से 20 सेकेण्ड तक धोएँ। त्वचा संक्रमण रोकने के लिये संक्रमण को खत्म करने वाले लोशन का उपयोग करे। 
 
शरीर में खुजली से राहत के लिये नीम की पत्तियाँ पानी में डालकर ठंडे पानी से स्नान करें। मरीज को हवादार कमरे में रखें और सूती कपड़े पहनाएँ, जिससे शरीर में जलन नहीं हो। मरीज को हो सके तो आइसोलेशन में रखें, जिससे अन्य स्वस्थ व्यक्तियों में संक्रमण न फैले, मरीज के पास साफ-सफाई का ध्यान रखें। मरीज को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक तरल पदार्थ, दलिया और स्वच्छ पानी का सेवन करायें। 
 
क्या चिकनपॉक्स संक्रमण से बचने का तारीका?-चिकनपॉक्स की रोकथाम और उपचार के लिये सबसे अच्छा उपाय चिकनपॉक्स का पूर्ण डोज टीकाकरण है। सामान्यत: टीका लगवा चुके अधिकांश व्यक्तियों में चिकनपॉक्स का संक्रमण नहीं होता है और यदि चिकनपॉक्स हो भी जाये, तो बीमारी का प्रभाव कम रहता है। 
 

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