देवास (मध्यप्रदेश)। मध्य प्रदेश में देवास से भाजपा सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी सहित 4 लोगों के खिलाफ यहां एक पुलिस चौकी को तोड़ने के लिए रविवार को मामला दर्ज किया गया। वहीं सांसद सोलंकी का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप सरासर गलत हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह राठौर ने बताया, सांसद महेन्द्र सोलंकी एवं उनके 3 साथियों शिव शर्मा, सचिन सोनी एवं संतोष जायसवाल के खिलाफ यहां एक निर्माणाधीन पुलिस चौकी की दीवारों को तोड़ने के लिए देवास के कोतवाली पुलिस थाने में आज मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन चारों के खिलाफ भादंवि की धारा 353 (शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाना), 427 (कुचेष्टा से नुकसान पहुंचाना), 506 (धमकाना), 34 एवं सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और विस्तृत जांच जारी है।
राठौर ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में सामने आया है कि इन लोगों ने शनिवार देर रात शहर के मध्य बाजार सुभाष चौक की पुलिस चौकी की दीवारों को तोड़ा है। दरअसल, देवास के सबसे व्यस्ततम इलाके सुभाष चौक को अति संवेदनशील माना जाता है। यहां वर्षों से पुलिस सहायता केंद्र के रूप में एक गुमटीनुमा शेड बना हुआ था, लेकिन अब यह शेड पूरी तरह सड़कर खराब हो गया है। अब इस स्थान पर पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
लेकिन इस चौकी के निर्माण को लेकर यहां के कुछ व्यापारियों को आपत्ति है। व्यापारियों का कहना है कि चौकी निर्माण से उसके पीछे बनीं दुकानों का व्यापार प्रभावित होगा। व्यापारियों ने इस मामले की शिकायत सांसद महेंद्र सोलंकी से कर दी। सांसद की शनिवार को फोन पर देवास पुलिस अधीक्षक चन्द्रशेखर सोलंकी से तीखी बहस भी हुई थी।
इसी बीच, इस मामले पर देवास पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी ने कहा, सुभाष चौक में स्थापित पुलिस चौकी सड़ चुकी थी। इसलिए उसके स्थान पर नई और स्थाई चौकी का निर्माण किया जा रहा है। यह संवेदनशील क्षेत्र है। इसलिए यहां चौकी का होना अति आवश्यक है। सिर्फ कुछ व्यापारी अपने स्वार्थ के चलते यहां चौकी का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सांसद महेन्द्र सोलंकी का फोन आया था, लेकिन फोन पर उनकी भाषा अमर्यादित थी, जिसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाया जा रहा है। वहीं सांसद महेन्द्र सोलंकी ने कहा, मुझ पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह सरासर गलत हैं। मैं सीसीटीवी फुटेज में खड़ा दिख रहा हूं, लेकिन मैंने पुलिस चौकी को तोड़ने के लिए हाथ भी नहीं लगाया है। अन्य लोग इसे तोड़ रहे हैं।