Bajrang dal ban:कर्नाटक विधानसभा चुनाव से शुरु हुआ बजरंग दल (Bajrang Dal) बैन का मुद्दा अब मध्यप्रदेश में चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है। चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश के कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने बजरंग दल पर बैन की बात कह दी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों को बैन करेंगे।
कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश में चाहे बजरंग दल हो या PFI जैसे संगठन जो धर्म और समाज के नाम पर देश को बांटने वाले कृत्य करेंगे, तो ऐसे संगठनों को बैन किया जाएगा। वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर तो ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया कि बजरंग दल से जुड़े लोग हनुमान जी को बदनाम कर रहे है। बजरंग दल के सदस्य राम-राम जपना, पराया माल अपना की तरह खुद की जेबें भरने का काम करते है।
वहीं कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश में सरकार आने पर बजरंग दल पर बैन करने की बात पर सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तीखा पलटवार किया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाना तो दूर की बात है, इस पर कोई विचार भी नहीं कर सकता है।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ की शह पर कांग्रेस नेता इस तरह के बयान दे रहे है। मध्यप्रदेश में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात करने वाले कांग्रेस और उसके नेता कमलनाथ को पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में बजरंग दल पर बैन लगाकर दिखाना चाहिए क्यों कांग्रेस वहां सत्ता में है।
कर्नाटक में बैकफुट पर थी कांग्रेस-कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन की बात कही है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार आने पर राज्य बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगाया जाएगा। वहीं चुनाव में भाजपा की ओर से बजरंग दल पर बैन लगाने को बजरंग बली से जोड़ने के बाद चुनाव में भाजपा बैकफुट पर दिखाई दी थी। चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार आने पर पूरे प्रदेश में बजरंग बली के मंदिर बनाए जाएंगे।