भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले दिनों भाजपा नेताओं के सरकारी विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को निशाना बनाने के कई मामले सामने आए हैं। 15 साल सत्ता में रहने वाली पार्टी के नेता जिस तरह अफसरों को खुलेआम धमकी दे रहे और उनके साथ जिस तरह हिंसक व्यवहार कर रहे हैं, उससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या मध्यप्रदेश में भाजपा नेता गुंडागर्दी कर उसे बंगाल बनाना चाहते हैं?
इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के निगम अफसर की पिटाई के बाद शुक्रवार को सतना में जिस तरह नगर पंचायत के सीईओ की बेरहमी से पिटाई कर दी, उससे प्रशासनिक अफसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
इसके साथ ही आकाश विजयवर्गीय की राह पर चलते हुए दमोह में भाजपा नेता ने खुलेआम हाथ में बैट लेकर अधिकारियों को धमकी दी। धमकी देने वाले भाजपा नेता विवेक अग्रवाल अपनी करतूत को छिपाने के लिए अजीब तर्क देते हुए कहते हैं कि कांग्रेस सरकार के समय अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे इसलिए वे बैट लेकर अफसरों के पास पहुंच रहे हैं।
नेताजी का यह तर्क किसी भी एंगल से गले नहीं उतर रहा है। मीडिया में मामला सामने आने के बाद पुलिस ने अब विवेक अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने भले ही इन भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया हो लेकिन सवाल यही खड़ा हो रहा कि राजनीति में शुचिता की बड़ी-बड़ी बात करने वाली पार्टी के नेता क्या अफसरों की पिटाई करके या उन्हें धमक कर शांति के टापू के रूप में पहचाने जाने वाले मध्यप्रदेश को बंगाल बना रहे हैं?
भाजपा नेताओं द्वारा सरकारी अफसरों को सरेआम धमकाने और हिंसा करने पर कांग्रेस के सीनियर नेता और प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा इसके लिए भाजपा महासचिव कैलाश विजवर्गीय और उनकी अफसरों के साथ पुराने व्यवहार और संस्कृति को जिम्मेदार ठहराते हैं।
वे कहते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय जबसे पश्चिम बंगाल पहुंचे, वहां पर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ गया है और अब वे बंगाल की संस्कृति को मध्यप्रदेश में बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के रहते इस तरह की कोई संस्कृति नहीं पनप पाएगी और प्रदेश में सभी को गंगा-जमुनी तहजीब के साथ गांधीजी की सोच के साथ रहना पड़ेगा।