मध्यप्रदेश की राजधानी में कांग्रेस नेता कमलनाथ का कपड़े फाड़ने वाले बयान के बाद सफाई दिए जाने वाले बयान जमकर चर्चा में हैं। अब दिग्विजय सिंह को ट्वीट कर के एक तरह से सफाई देना पडी है कि उनके और उनकी पार्टी के कमलनाथ के बीच सबकुछ ठीक है और हमारे बीच में जो भी संवाद हुए हैं वे महज मजाकिया संवाद हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो ट्वीट किया है,जिसमें उनके और कमलनाथ के बीच बातचीत हो रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा— कमल नाथ जी से मेरे पारिवारिक रिश्ता १९८० से है। हमारे बीच में कई बार कई मुद्दों पर मतभेद रहे है। दो मित्रों में मतभेद होना स्वाभाविक ही है लेकिन मनभेद नहीं रहे। एमपी कांग्रेस के घोषणा पत्र के समय मेरे और कमल नाथ जी के बीच का मज़ाक़िया संवाद। आप भी सुनिए।
क्या कहा था कमलनाथ ने : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने एक भाषण के दौरान मंच से कार्यकर्ताओं और वहां मौजूद नेताओं से कहा था कि अगर दिग्विजय सिंह आपकी बात भी ना सुने तो उनके कपड़े फाड़ दीजिए।
दिग्विजय सिंह ने दिया जवाब: इसके बाद भोपाल में आयोजित कमलनाथ की प्रेसवार्ता में दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को कहा कि साइन तो पीसीसी चीफ के होते है तो कपड़े किसके फटने चाहिए? दोनों ने एक-दूसरे पर हंसी मजाक के अंदाज में ये बातें कहीं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि शंकर का काम है विष पीना तो पीएंगे।
इसके बाद दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर एक शेर भी शेयर किया था—जो इस प्रकार था... उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा— बे-तकल्लुफ़ वो औरों से हैं, नाज़ उठाने को हम रह गए!
सवाल उठ रहे थे कि जिस तरह से दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच यह बातचीत हो रही है, दोनों के बीच सबकुछ ठीक तो है न। स्थिति को भांपते हुए अब दोनों नेता इस पूरे मामले में सफाई दे रहे हैं। अब दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि उनके और कमलनाथ के बीच बेहद आत्मीयता है, मतभेद भी रहे हैं, लेकिन मनभेद नहीं हैं। उन्होंन अपने पूरे ट्वीट में कुछ यह बात कही और जिसके साथ एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें दोनों मजाकिया अंदाज में ये सब बातें कर रहे हैं।
— कमल नाथ जी से मेरे पारिवारिक रिश्ता १९८० से है। हमारे बीच में कई बार कई मुद्दों पर मतभेद रहे है। दो मित्रों में मतभेद होना स्वाभाविक ही है लेकिन मनभेद नहीं रहे। एमपी कांग्रेस के घोषणा पत्र के समय मेरे और कमल नाथ जी के बीच का मज़ाक़िया संवाद। आप भी सुनिए।
दरअसल, दिग्विजय सिंह अब इस पूरे वाकये को मजाकिया संवाद बता रहे हैं। जिससे लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच कोई अलग तरह का संदेश न जाए या जिससे यह संदेश न जाए कि दोनों के बीच किसी तरह की राजनीतिक उठापटक चल रही है।
Edited By : Navin Rngiyal