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मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर कराएंगे जातिगत जनगणना, बोले राहुल गांधी, प्रदेश को RSS-BJP की प्रयोगशाला बताकर कसा तंज

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विकास सिंह

, मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 (17:55 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी का चुनावी बिगुल फूंक दिया। शहडोल के ब्यौहारी में कांग्रेस की जन आक्रोश जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। राहुल ने भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की किताब का जिक्र करते हुए कहा कि उमसें मध्य प्रदेश को आरएसएस और बीजेपी की प्रयोगशाला बताया गया है। जब मैं अपने भाषण की तैयारी कर रहा था तो मैंने सोचा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग इस कथित प्रयोगशाला में करते क्या हैं?

राहुल ने आगे कहा कि मैं आपको कुछ उदाहरण देना चाहता हूं, यहां मरे हुए लोगों का इलाज होता है, यह किसी और राज्य में नहीं होता, एमपी में शिव जी का नाम लेकर महाकाल कॉरिडोर में घोटाला किया जाता है, मिड-डे मील में चोरी की जाती है, बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म में चोरी की जाती है, मध्य प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है, एमबीबीएस की सीट बेची जाती है और पटवारी की नौकरी यहां 15 लाख में बेची जाती है।  

राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को घेरते हुए  कहा कि लेकिन यह सब यही नहीं रुकता, 18 साल में 18 हजार किसान यहां आत्महत्या करते हैं, भाजपा की प्रयोगशाला में तीन किसान रोज यहां आत्महत्या करते हैं, मंदसौर में किसानों को गोली मारी जाती है, लगातार बलात्कार होते हैं, इस प्रयोगशाला में भोपाल में एक लड़की से छेड़छाड़ की जाती है, उसका भाई बचाने जाता है तो उसकी पुलिस के सामने हत्या कर दी जाती है। लगातार निजीकरण इस प्रयोगशाला में हो रहा है। इस लैब में भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं। ये मतलब था आडवाणी जी का प्रयोगशाला के संदर्भ से।

राहुल गांधी का आदिवासी कार्ड- राहुल गांधी ने आदिवासी कार्ड चलते हुए कहा कि आदिवासी का मतलब जो लोग इस देश में पहले से रहते आए और जो यहां के मालिक हैं। आदिवासी मतलब जिनका जंगल, जल, जमीन पर सबसे पहला हक है। वहीं वनवासी का मतलब कि आपका हक नही है, मतलब भाजपा नेता आप पर पेशाब कर सकता है, मतलब कोविड काल में आपको जानवरों से भी बदतर खाना दिया जाएगा, मतलब आपको जंगल में रहना चाहिए, मतलब आपके बच्चे इंजीनियर, वकील नहीं बन सकते, आपको आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 

राहुल गांधी ने कहा कि हमारा मानना है कि आदिवासियों का जमीन पर सबसे पहला हक है, इसलिए हम पेसा कानून लाए, फॉरेस्ट राइट एक्ट लाए। पेसा कानून मतलब अगर किसी को आपकी जमीन चाहिए तो हाथ जोड़कर ग्राम सभा से पूछना पड़ेगा, बीजेपी का मानना है कि वनवासी का कोई हक नहीं। हमारी सरकार ने आपको 3.5 लाख आदिवासियों को जमीन के पट्टे दिए, भाजपा ने आपको धमकाकर, हिंसा व बल प्रयोग कर आपसे आपका अधिकार छीना। मैं आपको गारंटी देता हूं कि हमारी सरकार आएगी तो हम आपको आपकी जमीन का हक वापस देंगे।

जातिगत जनगणना का सियासी दांव- जनसभा में राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का सियासी कार्ड चलते हुए कहा कि केंद्र सरकार चलाने वाले 90 सचिव में से केवल 3 ओबीसी हैं, बजट का 5 पर्सेंट केवल ओबीसी अधिकारी डिसाइड करते हैं, 100 रुपए में से 5 रुपए का निर्णय केवल ओबीसी के अधिकारी करते हैं, वहीं 100 रुपए में से केवल 10 पैसे का निर्णय आदिवासी अधिकारी करते है। दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों को अपना अधिकार मिल सके, इसके लिए हमने जाति आधारित जनगणना की मांग की है। इन सबको अपना अधिकार मिल सके इसलिए हम जातिगत जनगणना करवाएंगे। मध्य प्रदेश में हमारी सरकार बनते ही पहला काम हम जातीय जनगणना का काम शुरू करेंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि हम मोदी जी की तरह झूठे वादे नहीं करते। हम वादे वही करते हैं जो पूरे किए जा सकें। हम मध्य प्रदेश में हर मां-बहन को 1500 रुपए प्रतिमाह देंगे, 500 रुपए में सिलेंडर देंगे, 100 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे, आदिवासियों को तेंदूपत्ता की राशि 4000 देंगे।

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