Assembly elections 2023 : 4 राज्यों में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में BJP ने प्रचंड जीत हासिल की। भाजपा ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत हासिल की है. हालांकि नतीजे घोषित किए जाने के 4 दिन बाद भी मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस जारी है और दिल्ली में लगातार बैठकें चल रही हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे महंत बालकनाथ (Mahant Balaknath) ने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की। रेस में सबसे आगे चल रहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने जेपी नड्डा से मुलाकात की। दोनों नेताओं में करीब डेढ़ घंटे तक बात हुई।
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया है। विजयवर्गीय ने मीडिया में कहा कि मुख्यमंत्री पद पर जारी सस्पेंस को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही सस्पेंस खत्म होगा। उन्होंने कहा कि रविवार 10 तारीख तक सबकुछ साफ हो जाएगा।
कल हो सकती है पर्यवक्षेकों की घोषणा : मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने विधायक दल के नेताओं के चुनाव के लिए भाजपा शुक्रवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा कर सकती है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा शुक्रवार को होने की उम्मीद है। इसके बाद वे नवनिर्वाचित विधायकों की बैठकों के लिए संबंधित राज्यों की यात्रा करेंगे, जहां भविष्य के मुख्यमंत्रियों के नाम घोषित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पसंद पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है और पार्टी तीनों मुख्यमंत्रियों को चुनने में सामाजिक, क्षेत्रीय, शासन और संगठनात्मक हितों को ध्यान में रखेगी।
मुलाकातों का दौर जारी : तीन राज्यों के नेता गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इस तरह की बैठकें नियमित होती हैं।
उन्होंने कहा, "राज्य के कई नेता हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व से मिल रहे हैं। केवल तीन मुख्यमंत्री हो सकते हैं। किसी को भी इसे ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि संभावितों में वे सांसद भी शामिल हैं जिन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया है और शिष्टाचार के तौर पर राष्ट्रीय नेताओं से मिल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राजस्थान के बाबा बालकनाथ ने बृहस्पतिवार को शाह से मुलाकात की। दोनों ने अपने-अपने राज्यों की विधानसभा का सदस्य चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी।
राजे भी दिल्ली में : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी दिल्ली में हैं। पिछले दिनों उन्होंने कई नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की है। सूत्रों ने बताया कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं।
तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के संभावित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। चौहान की तरह पटेल भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं।
पटेल और तोमर भाजपा के उन 12 सांसदों में शामिल हैं जो विधानसभा सदस्य चुने गए हैं और उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, संसद की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा देने वाली गोमती साय और प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री लता उसेंडी भी शामिल हैं। साव ओबीसी समुदाय से हैं वहीं साय और उसेंडी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।
सामाजिक पृष्ठभूमि, छवि और अपेक्षाकृत युवा प्रोफ़ाइल के कारण राज्य के शीर्ष पद के लिए इन नेताओं को मजबूत दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है।
9 सांसदों के इस्तीफे मंजूर : भाजपा के उन 9 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं जिन्होंने हालिया विधानसभा चुनावों में विधायक निर्वाचित होने के बाद बुधवार को त्यागपत्र दिए थे।
बिरला ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर इस बारे में सभा को सूचित किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को बताया कि राजस्थान प्रदेश के जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़, राजसमंद से दीया कुमारी, मध्य प्रदेश के मुरैना से नरेन्द्र सिंह तोमर, दमोह से प्रह्लाद पटेल, जबलपुर से राकेश सिंह, सीधी से रीति पाठक, होशंगाबाद से उदय प्रताप सिंह तथा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से गोमती साय और बिलासपुर से सांसद अरुण साव ने इस्तीफा दिया है।
उन्होंने कहा कि मैंने इन सदस्यों के त्यागपत्र को 6 दिसंबर, 2023 की तिथि से स्वीकार कर लिया है।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल समेत भाजपा के 10 सांसदों ने बुधवार को इस्तीफा दिया था। इनमें किरोणीलाल मीणा राज्यसभा के सदस्य थे। ये सभी सांसद हालिया विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए हैं। एजेंसियां