effects of lunar eclipse on zodiac signs 2025: साल 2025 में 7 सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण अर्थात पूर्णि चंद्र ग्रहण लगेगा। इस दौरान सूतककाल दोपहर 12:57 पर प्रारंभ होगा। इसके बाद रात्रि 9:57 पर ग्रहण प्रारंभ होगा जो मध्यरात्रि 01:27 पर समाप्त हो जाएगा। इस ग्रहण के दौरान 6 राशियों को बचकर रहना होगा।
ग्रहण के दौरान 6 राशियां रहें बचकर:
1. कर्क राशि: आपकी कुंडली के अष्टम भाव में यह ग्रहण योग बन रहा है। अष्टम भाव आपकी रहस्य, दुर्घटना, अचानक से लाभ या हानि के योग बन सकते हैं। आपको घर परिवार पर ध्यान देना होगा। वाणी पर संयम रखकर काम करना होगा। खर्चे कम करने की बजाए इनकम पर ध्यान फोकस करना होगा। धन लाभ होगा।
2. सिंह राशि: आपकी कुंडली के सातवें भाव में ग्रहण योग बन रहा है। दांपत्य जीवन में समस्याएं खड़ी हो सकती है। जीवनसाथी की सेहत का ध्यान रखना होगा। साझेदारी के व्यापार में सतर्कता से काम लेना होगा। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखकर समझदारी से फैसले लेना होंगे। खुद की सेहत का भी ध्यान रखें।
3. तुला राशि: आपकी कुंडली में पांचवें भाव में ग्रहण लगेगा। संतान को लेकर आप चिंतित रह सकते हैं। शिक्षा क्षेत्र में काम करते हैं तो सावधानी से काम करें। बुद्धि से काम लेकर काम करें और कोई भी निर्णय लेने से पहले 10 बार विचार करें।
4. मकर राशि: आपकी कुंडली के दूसरे भाव में यह ग्रहण आपके रिश्तों में तनाव उत्पन्न कर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। धन संबंधि समस्या खड़ी हो सकती है। लेन देने में सावधानी रखें। करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
5. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के प्रथम भाव में ग्रहण योग आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव डाल सकता है। यह आपके दांपत्य जीवन के लिए अच्छा नहीं है। जीवनसाथी की सेहत का भी ध्यान रखना होगा। तो यह थोड़ी सी मानसिक परेशानी दे सकता है। साझेदारी के कारोबार पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है।
6. मीन राशि: आपकी कुंडली के 12वें भाव में यह ग्रहण लगेगा जो आपके खर्चों को बढ़ा देगा। हालांकि यदि आप विदेश से जुड़ा कोई व्यापार कर रहे हैं तो लाभ हो सकता है। यदि आप विदेश के लिए इमीग्रेशन के लिए फाइल लगाना चाहते हैं, वीजा के लिए फाइल लगाना चाहते हैं, तो थोड़ा सा जांच परख करके लगाएं। सेहत का भी ध्यान रखें।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें?
1. मंत्र जाप: ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। आप अपने इष्टदेव के मंत्र या गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं।
2. ध्यान: ग्रहण काल में ध्यान या मेडिटेशन करने से मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
3. दान: ग्रहण के बाद अनाज, कपड़े, धन या अन्य वस्तुओं का दान करना बहुत पुण्यदायी होता है।
4. स्नान: ग्रहण समाप्त होने के बाद पवित्र नदियों में या घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
5. मंदिर की सफाई: ग्रहण के बाद घर के मंदिर को साफ करके पूजा-पाठ शुरू करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें?
1. भोजन और पानी का सेवन: ग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक भोजन और पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। हालाँकि, बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाएं तरल पदार्थों का सेवन कर सकती हैं।
2. खाना बनाना: ग्रहण काल में खाना बनाना वर्जित होता है।
3. शुभ कार्य: शादी, मुंडन या कोई भी नया काम शुरू करने से बचें।
4. पूजा: सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए। इस दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें।
5. धारदार वस्तुओं का उपयोग: चाकू, कैंची या अन्य धारदार वस्तुओं का उपयोग करने से बचें।
6. गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्हें धारदार वस्तुओं का उपयोग करने से बचना चाहिए और अपने पेट पर गेरू लगाना चाहिए।
7. सोना: ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए।