Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जानिए क्या है उपच्छाया चंद्र ग्रहण...

हमें फॉलो करें जानिए क्या है उपच्छाया चंद्र ग्रहण...
जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आती है तो उसे 'चंद्र ग्रहण' कहते हैं, इस दौरान पृथ्वी की छाया से चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है और एक सीधी रेखा बन जाती है, इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की रोशनी को चंद्रमा तक नहीं पहुंचने देती है लेकिन 'उपछाया चंद्र ग्रहण' या 'पेनुमब्रल' के दौरान चंद्रमा का बिंब धुंधला हो जाता है और वो पूरी तरह से काला नहीं होता है इस वजह से चांद थोड़ा 'मलिन रूप' में दिखाई देता है।

चंद्र ग्रहण हमेशा 'पूर्णिमा' को लगता है, इस बार भी तारीख 30 नवंबर को 'कार्तिक पूर्णिमा' है।
 
किस समय लगेगा चंद्रग्रहण?
 
उपच्छाया से पहला स्पर्श- 30 नवंबर 2020 की दोपहर 1 बजकर 04 मिनट पर
 
परमग्रास- चन्द्र ग्रहण 30 नवंबर 2020 की दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर
 
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श- 30 नवंबर 2020 की शाम 5 बजकर 22 मिनट पर।
क्या करें और क्या नहीं
 
वैसे तो ग्रहण के एक खगोलीय घटना है लेकिन शास्त्रों में ग्रहण को शुभ नहीं मानते हैं और इस वजह से ग्रहण के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। 
 
ग्रहण काल में इंसान को भोजन नहीं करना चाहिए।
 
गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। 
 
सहवास नहीं करना चाहिए और ना ही झूठ बोलना चाहिए और ना ही सोना चाहिए।
 
पूजा स्थल को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए और ना ही मांस-मदिरा का सेवन करना चाहिए। 
 
प्याज-लहसुन भी नहीं खाना चाहिए, झगड़ा-लड़ाई से बचना चाहिए। 
 
ग्रहण-काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए बल्कि दूर से तुलसी के पास एक तेल का दीपक जलाकर रखना चाहिए और भजन करना चाहिए और प्रभु का ध्यान करना चाहिए।
ALSO READ: कार्तिक पूर्णिमा की तिथि कब से कब तक है, जानिए मुहूर्त और महत्व
ALSO READ: 30 नवंबर को मांद्य चंद्रग्रहण, जानिए क्या होगा असर...?

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि कब से कब तक है, जानिए मुहूर्त और महत्व