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छिंदवाड़ा से नकुलनाथ ने भरा नामांकन, डैमेज कंट्रोल में जुटे कमलनाथ

कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले दीपक सक्सेना से कमलनाथ की मुलाकात

हमें फॉलो करें छिंदवाड़ा से नकुलनाथ ने भरा नामांकन, डैमेज कंट्रोल में जुटे कमलनाथ

विकास सिंह

, मंगलवार, 26 मार्च 2024 (12:32 IST)
मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट छिंदवाड़ा पर मंगलवार को कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने अपना नामांकन भर दिया। नकुलनाथ के नामांकन के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ डैमेज कंट्रोल में जुट गए है। छिंदवाड़ा पहुंचे कमलनाथ पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना से मुलाकात कर उनके गिले-शिकवे को दूर किया। कमलनाथ से मुलाकात के बाद दीपक सक्सेना ने  कहा कि वह नकुलनाथ के नामांकन रैली में शामिल होने के साथ चुनाव में नकुलनाथ को सपोर्ट करेंगे। 

नकुलनाथ बनाम बंटी साहू का मुकाबला-छिंदवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ का सामना भाजपा प्रत्याशी बंटी साहू से होगा। आज नकुलनाथ के नामांकन के दौरान कांग्रेस ने छिंदवाड़ा में  बड़ा शक्ति  प्रदर्शन किया।  2019 के लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने भाजपा उम्मीदवार नत्थन शाह को करीब 38 हजार वोटों से हराया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ को 5,47,305 वोट मिले वहीं भाजपा के उम्मीदवार नत्थन शाह को 5,09,769 वोट हासिल हुए। ऐसे में विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने ताल ठोकने वाले विवेक कुमार बंटी साहू को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा टिकट देकर नकुलनाथ के सामने मैदान में उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है।

वहीं पिछल साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बंटी साहू कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े थे और उन्हें 34,596 वोट से हार का सामना करना पड़ा था।कमलनाथ को उनके ही गढ़ में सेंध लगाने के लिए भाजपा ने बंटी साहू पर इसलिए भी दांव लगाया है क्योंकि बंटी साहू 2018 और 2023 दोनों विधानसभा चुनाव में कमलनाथ को कड़ी टक्कर दे चुके है। 2023 विधानसभा चुनाव की मतगणना में बंटी साहू पहले के दौर में कमलनाथ से आगे भी रहे थे, हालांकि बाद के दौर में वह पिछड़ गए थे ।

छिंदवाड़ा हाईप्रोफाइल सीट 2024 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट है। 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी भाजपा कांग्रेस के अभेद दुर्ग कहलाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर जीत नहीं दर्ज कर सकी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा छिंदवाड़ा जिले में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। ऐसे में अब भाजपा जो लोकसभा चुनाव में इस बार सभी 29 लोकसभा सीट जीतने के लक्ष्य के साथ उतरी है उसके सामने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भगवा लहराना एक बड़ी चुनौती है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भाजपा के लिए कितनी अहम है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि खुद गृहमंत्री अमित शाह इस सप्ताह छिंदवाड़ा आ सकते है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार-2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में आने वाली सभी 7 विधानसभा सीट जीतकर अपने इस अभेद दुर्ग पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। वर्तमान सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा सीट की कमान अपने हाथों में रखी थी और उन्होंने सातों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों का एलान किया था। कमलनाथ खुद छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और जीतकर लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।

कमलनाथ का डैमेज कंट्रोल-छिंदवाड़ा में कमलनाथ के गढ़ को ढहाने के लिए भाजपा लगातार उनके करीबियों को पार्टी में शामिल करा रही है। ऐसे में अब कमलनाथ डैमेज कंट्रोल में जुट गए है। कमलनाथ के करीबी नजदीकी दीपक सक्सेना जिन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था उनसे कमलनाथ ने मुलाकात कर उन्हें मनाया। कमलनाथ से मुलाकात के बाद दीपक सक्सेना ने  कहा कि वह नकुलनाथ के नामांकन रैली में शामिल होने के साथ चुनाव में नकुलनाथ को सपोर्ट करेंगे।

दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ कमलनाथ के विधायक प्रतिनिधि पद से भी इस्तीफा दिया। दीपक सक्सेना ने कमलनाथ को भी चिट्ठी भेजी थी,जिसमें उन्होंने कहा, ''आपके द्वारा मुझ जैसे किसान पर विश्वास एवं भरोसा कर सक्रिय राजनीति में जोडने एवं परिवार का सदस्य मानने के लिये मैं सदैव आपका ऋणी एवं आभारी रहूंगा। आपके द्वारा मुझे राजनीति में सकिय कर अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छिंदवाडा, कांग्रेस पार्टी की ओर से मुझे विधायक उम्मीदवार बनाया गया । मध्य प्रदेश शासन में कांग्रेस सरकार के दौरान दो बार मंत्री भी बनाया गया। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में चुनाव हारने के बाद भी आपके द्वारा मुझ पर भरोसा कर पुनः विधानसभा उम्मीदवार बनाया गया। उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मुझे दो बार विधायक प्रतिनिधि भी बनाया गया जिसके लिये मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा। मेरा परिवार सदैव आपका ऋणी रहेगा, वर्तमान परिस्थिति में मैं अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकूंगा, जिसके कारण मैं विधायक प्रतिनिधि एवं संगठन के सभी पदों से त्याग पत्र दे रहा हूं, जिसे स्वीकार करने का कष्ट करेंगे।


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