लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्थानीय लोगों से मतदान में बढ़-चढ़कर शामिल होने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि वे यह सोचकर सुस्त न बैठें कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीती-जिताई सीट है।
सुमित्रा ने यह बात ऐसे समय कही, जब इंदौर की चुनावी दौड़ से बाहर कांग्रेस स्थानीय मतदाताओं से अपील कर रही है कि वे "भाजपा को सबक सिखाने के लिए 13 मई को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाएं।
महाजन, लोकसभा में 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार इंदौर की नुमाइंदगी कर चुकी हैं। उन्होंने मतदाताओं के नाम एक वीडियो जारी कर कहा, क्या आप सुस्त बैठे हैं। क्या आपको लग रहा है कि हम (भाजपा) इंदौर में चुनाव जीते-जिताए हैं । ऐसा नहीं होता। हरेक व्यक्ति को मतदान करना ही चाहिए।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है और लोगों को मतदान के प्रति कतई उदासीन नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने, नागरिकता संशोधन कानून बनाए जाने और अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का जिक्र करते हुए मतदाताओं से भाजपा के लिए समर्थन मांगा।
इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के ऐन मौके पर पर्चा वापस लेने से इस प्रमुख विपक्षी दल के चुनावी दौड़ से बाहर होने के घटनाक्रम को लेकर महाजन ने हाल ही में हैरानी जताई थी।
उन्होंने यह भी कहा था कि इंदौर लोकसभा सीट के इतिहास में अपनी तरह के पहले चुनावी पालाबदल से नाराज कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने उन्हें फोन करके कहा था कि अब वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर "नोटा" का विकल्प चुनेंगे।
कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ में नहीं है। भाषा