कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने एक पोस्ट में कहा कि आज पाटलिपुत्र जा रहे निवर्तमान प्रधानमंत्री से हमारे सवाल... पटना में स्मार्ट सिटी और नमामि गंगे परियोजना के लिए प्राप्त धनराशि कहां गायब हो गई?
उन्होंने सवाल किया कि क्या बिहटा हवाई अड्डा कभी बनेगा? भाजपा और जदयू की सरकार एक और प्रश्नपत्र लीक को रोकने में क्यों विफल रहीं? पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा क्यों नहीं दिया गया?
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार की घोषणाओं को जुमला बताते हुए कहा कि पटना को 2019 और 2020 में बड़े पैमाने पर जलभराव और बाढ़ का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि तब की आपदाओं से यह साबित हुआ था कि पानी निकासी की प्रणालियों में व्यापक रूप से निवेश करने की आवश्यकता है, लेकिन स्मार्ट सिटी और नमामि गंगे परियोजना के तहत मिली धनराशि का अभी भी काफी कम इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत छह जल-मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) और पांच नए सीवरेज नेटवर्क को मंजूरी दी गई थी लेकिन 11 परियोजनाओं में से केवल चार ही पूरी हो पाई हैं।
रमेश ने कहा कि वर्तमान में पटना के सभी एसटीपी संयुक्त रूप से शहर के दैनिक अपशिष्ट के केवल आधे हिस्से को ही उपचारित करने की क्षमता रखते हैं जिसके परिणामस्वरूप अपशिष्ट पदार्थ का एक बड़ा हिस्सा सीधे गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है।
रमेश ने कहा कि इसी महीने ही खबर आई थी कि पटना में नीट-यूजी का प्रश्नपत्र लीक हो गया था। मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रश्नपत्र लीक होना एक नियमित घटनाक्रम बन गया है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी भाजपा का ही शासन है, जहां 40 से अधिक प्रश्नपत्र लीक हुए हैं और गुजरात तो प्रश्नपत्र लीक होने की राजधानी के रूप में उभरा है, जहां से पूरे देश में प्रश्नपत्र लीक की साजिश रची जाती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के न्याय पत्र ने प्रश्नपत्र लीक से मुक्ति की गारंटी दी है, जिसमें इसे रोकने के लिए एक संस्थान की स्थापना, नीति निर्माण, प्रश्नपत्र लीक से जुड़े मामलों में फैसले के लिए फास्ट ट्रैक अदालत और सभी पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा देना शामिल है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के नीतीश कुमार के अनुरोध को खारिज कर दिया था, जबकि बिहार के लोग इसकी लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta