भाजपा का पलटवार, बहाने बना रही है हताश कांग्रेस
कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज, तेज हुई सियासी जंग
नई दिल्ली। भाजपा ने बैंक खातों को 'फ्रीज' करने के कांग्रेस के आरोपों को गुरुवार को खारिज कर दिया और दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में आसन्न हार को देखते हुए वह पूरी तरह से हताशा में बहाने बना रही है।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर इस मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और सोनिया गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने अपनी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से वैश्विक स्तर पर भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार किया है।
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने समय पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया, जिसके कारण उसके खाते फ्रीज किए गए।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर इस मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी को कोई न्यायिक राहत नहीं मिली और अब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट गई है।
प्रसाद ने कहा कि हम कांग्रेस को शुभकामनाएं देते हैं और पार्टी को हमारी सलाह है कि जितना अधिक आप राहुल गांधी को बोलने देंगे, उतना ही अधिक अपना आधार खो देंगे। अगर लोग कांग्रेस को वोट नहीं देना चाहते तो भाजपा कुछ नहीं कर सकती।
कांग्रेस का दिवालियापन नैतिक और बौद्धिक : भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बैंक खातों को 'फ्रीज' किए जाने के कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार की आशंका को देखते हुए उसका शीर्ष नेतृत्व भारतीय लोकतंत्र और संस्थाओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल रहा है।
नड्डा ने कांग्रेस के आरोपों के कुछ ही देर बाद एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि कांग्रेस अपनी अप्रासंगिकता का दोष अपनी सुविधा के अनुसार वित्तीय परेशानियों पर मढ़ रही है जबकि वास्तव में उसका दिवालियापन नैतिक और बौद्धिक है, वित्तीय नहीं।
क्या बोली कांग्रेस : इससे पहले, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में चुनाव से पहले पार्टी के बैंक खातों को 'फ्रीज' किए जाने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है।
खरगे ने कहा कि लोकतंत्र के लिए चुनाव अनिवार्य होता है, साथ ही यह भी आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर वाली स्थिति हों। उन्होंने कहा कि ये नहीं कि जो सत्ता में हैं, संसाधनों पर उनका एकाधिकार हो और देश की संस्थाओं पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनका नियंत्रण हो।
Edited by : Nrapendra Gupta