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लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बदली अपनी रणनीति, हिंदू-मुस्लिम,आरक्षण पर कांग्रेस को क्यों घेर रहे मोदी?

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विकास सिंह

, गुरुवार, 25 अप्रैल 2024 (13:41 IST)
2047 तक विकसित भारत बनाने और मोदी की गारंटी के साथ लोकसभा के चुनावी रण में उतरी भाजपा अब बेहद अक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार कर रही है। पहले चरण की वोटिंग के बाद चुनावी फिजा में अचानक से हिंदू-मुस्लिम और कॉस्ट पॉलिटिक्स चुनाव प्रचार के  केंद्र में आ गई है। खुद को प्रधानमंत्री अपने भाषणों से चुनावी एजेंडा सेट कर रहे है।

कांग्रेस कहती हैं कि देश के सांसधानों पर पहला हक मुसलमानों का है। पीएम नरेंद्र मोदी, मुरैना
2004 में कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण दिया और बाबा साहब अंबेडकर और संविधान की पीठ में छुरा घोंपा था- पीएम नरेंद्र मोदी, मुरैना
OBC वर्ग की सबसे बड़ी दुश्मन है कांग्रेस, जिसने OBC से उनका हक छीन लिया है- पीएम नरेंद्र मोदी, मुरैना
आज कांग्रेस का हिडेन एजेंडा बाहर आया है। आज कांग्रेस ने कहा है कि वह  विरासत टैक्स लेगी। मेहनत करके, मुसीबतों को झेल कर जो सं​पत्ति आपने बचाई है, कांग्रेस सरकार बनने के बाद वह आपसे लूट लेगी।– पीएम नरेंद्र मोदी, सागर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन बयानों से साफ है कि लोकसभा चुनाव की शुरुआत में भाजपा जिन मुद्दों को उठा रही थी वह अब उसमें हिंदू-मुसलमान, आरक्षण और विरासत टैक्स जैसे मुद्दें जुड़ गए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण की वोटिंग के बाद भाजपा के चुनाव प्रचार का ट्रैक बदलते हुए 21 अप्रैल को राजस्थान की चुनावी रैली में कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति घुसपैठियों और उन लोगों को बांट देगी, जिनके ज्यादा बच्चे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो महिलाओं से मंगलसूत्र भी छीन लेगी। उन्होंने की इस सोच के पीछे की वजह बताई और कहा कि 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।
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इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपने भाषणों में आरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर  कांग्रेस को जमकर घेर रहे है। पीएम ने कहा कि जहां भी विपक्षी दलों की सरकारें हैं, वहां विपक्षी दल एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण में कमी करके मुसलमानों को दे रही है। पीएम ने कहा कि अगर कांग्रेस और विपक्षी दलों के INDIA ब्लॉक की सरकार बन गईं तों केंद्र में भी अब एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाला आरक्षण मुसलमानों के हिस्से जाएगा।

भाजपा ने क्यों बदली चुनावी रणनीति?-‘मोदी की गारंटी’ और ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा ने पहले चरण की वोटिंग के बाद क्यों अपनी चुनावी रणनीति बदली, इस पर अब चुनावी बहस तेज हो गई है। पहले चऱण में जिस तरह से कम वोटिंग हुई है, उससे भाजपा की चिंता बढ़ गई है। चुनाव को लेकर कोई उत्साह नहीं होने और कमजोर विपक्ष के चलते वोटर्स में जिस तरह से वोटिंग को लेकर ठंडापन है उससे भाजपा के रणनीतिकारों से सोचने पर मजबूर कर दिया है। भाजपा की कोशिश है कि अधिक से अधिक वोटिंग हो, जिसका फायदा उसे मिले।  
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वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि चुनाव में कांग्रेस भाजपा को बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर घेर रही है तो भाजपा इन मुद्दों का चुनाव में लाना लानी चाहती है कि इसलिए वह हिंदू-मुसलमान और आरक्षण जैसे मुद्दों को उठा रही है। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कांग्रेस के घोषणा पत्र या एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण कम करने के मुद्दे को उठाने के पीछे की वजह पहले चरण का कम मतदान होना है। माना यह जाता है कि जब मतदान प्रतिशत कम हो, तो उसे सत्ता के खिलाफ जाता है।

पीएम मोदी के भाषणों में विपक्ष पर होते तीखे प्रहार ने चुनावी फिजा में तपिश ला दी है। मोदी के भाषणों से भाजपा के कार्यकर्ताओं में जोश दिखाई दे रहा है। दरअसल मोदी अपने भाषण से भाजपा के कोर वोट बैंक को साधने के साथ फ्लोटिंग वोटर को साधने में जुटे है।

प्रधानमंत्री के भाषणों में मुसलमानों के लिए ‘घुसपैठिया’ और ‘ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुनाव में वोटरों के ध्रुवीकरण की कोशिश की है। प्रधानमंत्री अपने भाषणों में राममंदिर को लेकर भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे है। प्रधानमंत्री राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर सवाल उठाते हुए उन्हें सनातन विरोधी ठहरा रहे है।

ऐसे में अभी जब चुनाव का पहला फेज ही हुआ है तब जैसे-जैसे मौसम की गर्मी की साथ चुनावी तापिश बढ़ेगी वैसे-वैसे चुनाव प्रचार में और तीखापन आता जाएगा। आगे के चरणों में निजी हमलों के साथ-साथ वोटरों के ध्रुवीकरण करने वाले मुद्दें चुनावी फिजा में खूब सुनाई देंगे।  

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