लखनऊ। कांग्रेस में प्रियंका गांधी की औपचारिक एंट्री ने सियासत को गर्मा दिया है। प्रियंका भी पूरी जी-जान के साथ नई जान फूंकने में लगी है, लेकिन इसी बीच ऐसी खबर आई है जिससे कांग्रेस को थोड़ा झटका लगा सकता है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को धार देने की कवायद में जुटीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि वे चुनाव लड़ने की बजाय संगठन की मजबूती के लिए दी गई जिम्मेदारी को निभाना पसंद करेंगी।
कांग्रेस की जमीनी हकीकत को परखने और उसकी मजबूती के उपायों को लेकर पिछले तीन दिनो से बैठक कर रहीं प्रियंका ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से साफतौर पर कहा कि वे उन्हें किसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए न कहें, क्योंकि अगर वे चुनाव लड़ेंगी तो बाकी सीटों पर ध्यान नहीं दे पाएंगी।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिये दिन-रात एक कर रहीं प्रियंका गांधी ने यह भी कहा है कि उन्हें लगता है कि पार्टी को राज्य में अपने पैरों पर खुद खड़ा होना चाहिए। गोरखपुर से आए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने प्रियंका से मुलाकात करने के बाद गुरुवार को बताया कि उन्होंने वाड्रा को लखनऊ लोकसभा सीट से गृह मंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला करने का सुझाव दिया ताकि इससे मतदाताओं में एक संकेत जाए और वाराणसी और गोरखपुर जैसी वीवीआईपी सीटों पर भी इसका असर पड़े।
उन्होंने बताया कि इस सुझाव पर प्रियंका ने कहा कि सभी नेता मुझे अपने इलाके से चुनाव लड़ने के लिए बुला रहे हैं लेकिन मेरे सामने एक बड़ा काम है और मुझे इसे पूरा करना है।
दिलचस्प है कि प्रियंका को कांग्रेस के नेताओं ने लखनऊ के अलावा फतेहपुर, गोरखपुर और वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव दिया लेकिन प्रियंका ने इन सुझावों को यह कहते हुए नहीं माना कि अगर वे चुनाव लड़ेंगी तो अन्य सीटों पर ध्यान नहीं दे सकेंगी।