भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा के व्यापम घोटाले को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस अब नए विवाद में फंसती दिख रही है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है, उसमें व्यापाम घोटाले के आरोपी रहे गुलाबसिंह किरार को स्टार प्रचारक बनाया गया है।
कांग्रेस ने 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जो 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है उसमें 36वें नंबर पर व्यापाम घोटाले के आरोपी रहे गुलाबसिंह किरार का नाम भी है। वहीं सूची आने के बाद विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने सफाई दी है कि गुलाबसिंह किरार पर जो आरोप लगे थे, उसमें जांच एजेंसी ने उनको क्लीन चिट दे दी है। इसलिए सवाल उठाना गलत है।
व्यापम घोटाले को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद राय कहते हैं कि किरार के बेटे पर गंभीर आरोप हैं और सीबीआई ने उसको आरोपी भी बनाया है। राय कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि कांग्रेस ने व्यापाम मुद्दे का राजनीतिक दोहन करते हुए उसका लाभ लिया और अब वोटों की राजनीति के लिए गुलाबसिंह को अपना स्टार प्रचारक बना रही है।
आनंद राय इसे दुर्भाग्य बताते हुए कहते हैं कि इससे लोगों में सियासी दलों की साख और विश्वास दोनों ही खत्म हो रहा है। राय कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से जिन मामलों की दोबारा जांच की मांग की थी, उसमें किरार का भी एक मामला था। इससे पहले विधानसभा चुनाव के समय किरार को इंदौर में राहुल गांधी के सामने कांग्रेस में शामिल होने की खबर सामने आई थी। बाद में विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने किरार से पल्ला झाड़ लिया था।
क्या है पूरा मामला : गुलाबसिंह किरार व्यापम घोटाले में प्री पीजी 2012 में आरोपी थे। किरार पर अपने बेटे शक्ति प्रताप सिंह को एडमिशन दिलाने के लिए पूरे केस में मुख्य आरोपी जगदीश सागर को पैसे देने का आरोप है। गुलाब पर ग्वालियर के झांसी रोड थाने में मामला दर्ज था।
मध्यप्रदेश की सियासत में किरार को भाजपा सरकार के समय शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता था और पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। बाद में जांच एजेंसी सीबीआई ने किरार को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन सीबीआई ने कोर्ट में जो चालान पेश किया है उसमें गुलाबसिंह किरार के बेटे शक्ति को आरोपी बनाया है, जो अब तक फरार है।