कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नाथूराम गोडसे के समर्थन में भाजपा नेताओं की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस भगवान के नहीं, गोडसे के लवर है।
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि मुझे फाइनली पता चल गया है। भाजपा और संघ भगवान के नहीं, गोडसे के समर्थक हैं।
नाथूराम गोडसे पर भाजपा नेताओं के बयान के बाद अब पार्टी पूरी तरह डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। पार्टी ने इस तरह के बयान देने वाले सभी नेताओं से किनारा कर लिया है। वहीं भोपाल से उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुश्किल में घिर गई है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने खुद साध्वी प्रज्ञा के बयान को गलत बताया है।
प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को देश भक्त बताया था तो अनिल सौमित्र ने महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता करार दिया। सौमित्र ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपिता थे, लेकिन पाकिस्तान राष्ट्र के। भारत राष्ट्र में तो उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए। कुछ लायक तो कुछ नालायक।
भाजपा का डैमेज कंट्रोल : अमित शाह की ओर से मीडिया को जारी बयान में कहा गया है कि 2 दिनों में अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कटील के जो बयान आए हैं वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भाजपा का कोई संबंध नहीं है। इन लोगों ने अपने बयान वापस लिए हैं और माफ़ी भी मांगी है।
फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भाजपा की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है। अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब मांगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे। पार्टी ने अनिल सौमित्र पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता निलंबित कर दी है।